शोध में समर्पण और दृढ़ता है सफलता की कुंजी

शोध में समर्पण और दृढ़ता है सफलता की कुंजी

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू, यूजीसी- एमएमटीटीसी द्वारा संचालित सात दिवसीय शोध प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता, दिल्ली विवि (साउथ कैंपस) के जैव रसायन विभाग के वैज्ञानिक प्रो. वी. के. चौधरी ने शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में प्रतिभागियों को शोध कार्य को एक अनुशासित, रचनात्मक और नैतिक यात्रा के रूप में लेने की प्रेरणा दी।

प्रो. चौधरी ने बताया कि एक मजबूत साहित्य समीक्षा, स्पष्ट शोध समयरेखा और प्रभावी लेखन कौशल किसी भी सफल शोध परियोजना के मूल स्तंभ होते हैं। उन्होंने एचआईवी और सर्पदंश के उपचार के लिए एंटीबॉडी विकास में अपने वर्षों के शोध अनुभव साझा किए।

उन्होंने कहा कि शोध केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं है, यह एक जीवन पथ है, जिसमें समर्पण, आत्मनिष्ठा और जिज्ञासा आवश्यक है। उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न उतार-चढ़ाव साझा करते हुए प्रतिभागियों को यह संदेश दिया कि कठिनाइयों के बावजूद यदि शोधार्थी में जुनून और धैर्य है, तो सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि लगन, अनुशासन और आत्मसमर्पण  किसी भी उत्कृष्ट शोध का आधार हैं।

यूजीसी- एमएमटीटीसी निदेशक प्रो. मुनीष गर्ग में स्वागत भाषण दिया। डिप्टी डीन आर एंड डी प्रो. के के शर्मा ने कार्यक्रम की थीम पर प्रकाश डाला। डिप्टी डीन आर एंड डी प्रो. दीप्ति हुड्डा ने आभार जताया।