उपायुक्त सचिन गुप्ता ने सभी नागरिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए
स्लम क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश।

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिला में हर नागरिक की स्वास्थ्य जांच के लिए योजना तैयार की जाए ताकि बीमारियों का प्रारंभिक स्तर पर पता लगाकर उनका इलाज किया जा सके।
जिला में लिंगानुपात को बेहतर बनाने के लिए पी.सी. व पी.एन.डी.टी की जिला स्थायी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों की निरंतर निगरानी रखें व कम लिंगानुपात वाले गांवों में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर तथा ग्राम सचिव मिलकर काम करें तथा सरकार द्वारा जारी हिदायतों अनुसार सभी गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड जांच से पूर्व आरसीएच आईडी पंजीकरण करना सुनिश्चित करें।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के दृष्टिगत हर गांव एवं हर वार्ड के प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य की जांच के लिए योजना तैयार करें।
उपायुक्त ने कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है व जिनमें रक्त सात ग्राम से कम है उन गर्भवती महिलाओं की विशेषतौर पर खान-पान के साथ-साथ उनकी जांच व इलाज की अति आवश्यकता है। इन महिलाओं की 14 दिन के बाद पुन: जांच करना सुनिश्चित करें कि उनकी खून की कमी में सुधार हुआ या नहीं। यदि नहीं हुआ तो कारणों का पता लगाकर उपचार दिया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को एनीमिया को दूर करने के लिए जागरूक किया जाए तथा उन्हें कैल्शियम एवं आयरन फोलिक एसिड के बारे में भी बताया जाए।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य केंद्रों पर नागरिकों के सैंपल लेकर सभी आवश्यक टेस्ट करवाएं जाए तथा इनकी रिपोर्ट संबंधित नागरिकों तक पहुंचाई जाए। ऐसा करके बीमारियों की प्रारंभिक स्तर पर ही पहचान कर उनका इलाज किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्लम क्षेत्र एवं उच्च जोखिम क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को हर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि नागरिकों के मानसिक स्वास्थ्य को भी दुरूस्त रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए। मानसिक तनाव अथवा मनोरोग से प्रभावित नागरिकों के लिए स्वास्थ्य विभाग का टोल फ्री नंबर (8295474838) उपलब्ध है, जिस पर निशुल्क परामर्श ले सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में लिंगानुपात को सुधारने के लिए अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री न हो। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालक दवाओं के बिल भी अवश्य दें। हरियाणा निरोगी योजना के तहत एक लाख 80 हजार रुपए वार्षिक आय वाले परिवारों के सदस्यों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है ताकि उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
बैठक में उप पुलिस अधीक्षक रवि खुंडिया, सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य, जिला न्यायवादी सुरेंद्र पाहवा, जिला पी.सी. एवं पी. एन.डी.टी नोडल अधिकारी डॉ विश्वजीत राठी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. सतपाल, जिला शिक्षा अधिकारी मनजीत मलिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह, जिला परियोजना समन्वयक बिजेंद्र हुड्डा, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।