उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कृषि भूमि से जल निकासी का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए
जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन की जा रही 2370 क्यूसेक जल की निकासी।

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने अधिकारियों से कहा कि वे कृषि भूमि से जल निकासी के कार्य को शीघ्र पूर्ण करें ताकि फसलों को नुकसान न हो। सिंचाई विभाग द्वारा जिला के चिन्हित गांवों में जल निकासी का कार्य 24 घंटे जारी है। विभाग द्वारा 48 स्थाई पंप हाउसों पर जल निकासी के लिए 165 पंप है तथा प्रतिदिन 2370 क्यूसेक जल की निकासी ड्रेनों के माध्यम से की जा रही है।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन तथा गत दिनों हुई बारिश के पानी की निकासी की समीक्षा करते हुए कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा पूरी क्षमता के साथ जल निकासी के कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण किया जाए तथा संबंधित अधिकारी जलभराव से प्रभावित गांवों का अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ नियमित अंतराल पर दौरा कर स्थिति की समीक्षा करें। उन्होंने जलभराव से फसलों को हुए नुकसान की भी जानकारी ली।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को कहा कि वे फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को धान की फसल के अलावा अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करें तथा ऐसी फसलों की बिक्री की संभावना भी तलाशें। उन्होंने फसल विविधीकरण, पीएम किसान सम्मान निधि व रासायनिक खाद, यूरिया की उपलब्धता तथा यूरिया खाद का कृषि के अलावा अन्य कार्यों में प्रयोग रोकने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिला में यूरिया की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है तथा कृषि के अलावा यूरिया खाद का अन्य स्थानों पर प्रयोग करने वालों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है।
उपायुक्त ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के जिला के 74 हजार 891 किसानों को 20 वीं किस्त के रूप में 14 करोड़ 98 लाख रुपए की राशि हस्तांतरित हुई है। खरीफ 2024-25 के दौरान 3 लाख 25 हजार 659 मिट्टी के सैंपल लिए गए तथा 2 लाख 79 हजार 867 सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए जा चुके है। उन्होंने कहा कि आगामी रबी सीजन के दृष्टिगत रासायनिक खादों की उपलब्धता के लिए भी प्रबंध किए जाए।
उन्होंने कहा कि जिला की जल ग्रस्त व लवणीय भूमि के सुधार के लिए विभाग द्वारा दिए गए लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कार्य करें। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा ऐसी भूमि के सुधार के लिए सोलर आधारित वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम शुरू किया गया है। ऐसी भूमि में भूमिगत जल का स्तर 10 फुट से ऊपर पहुंच जाता है तथा इस जल में उपस्थित नमक की ज्यादा मात्रा से फसलों को नुकसान होता है। ऐसी भूमि के सुधार के लिए 50 एकड़ क्षेत्र के लिए एक ट्यूबवेल लगाकर भूमिगत जल स्तर को कम किया जाता है ताकि नमक नीचे चला जाए और फसलों को नुकसान न हो। विभाग द्वारा इसके लिए सर्वेक्षण किया जाता है तथा मिट्टी व पानी के नमूने लेकर जांच की जाती है। गेहूं की फसल की कटाई के उपरांत चिन्हित स्थानों पर सोलर आधारित वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम स्थापित किया जाता है।
इस दौरान कृषि उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र सिंह, मंडल भूमिगत जल संरक्षण अधिकारी नीना सहवाग, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता अरुण मुंजाल, राजेश भारद्वाज सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।