एनडीपीएस के मामलों की न्यायालय में सही पैरवी करने के निर्देश दिए उपायुक्त ने
एनकॉर्ड की समीक्षा बैठक आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नशीले पदार्थों के मामलों की न्यायालय में सही पैरवी करें ताकि कोई भी दोषी व्यक्ति बरी न हो सके। एनडीपीएस के लंबित मामलों की पैरवी तेज की जाये। नशीले पदार्थों की बिक्री करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाये। बिना पंजीकरण संचालित किए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों के विरुद्ध कार्रवाई की जाये।
उपायुक्त सचिन गुप्ता पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ एनकॉर्ड (एनसीओआरडी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने न्यायालय में लंबित एनडीपीएस के मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन मामलों की पैरवी को तेज किया जाये ताकि दोषी व्यक्तियों को शीघ्र सजा दिलवाई जा सके। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अभी तक 93 एनडीपीएस के मामले दर्ज किए गए है, जिनमें से न्यायालय द्वारा 21 मामलों का निपटारा करते हुए 15 दोषियों को सजा दी गई है तथा अन्य 6 मामलों में दोषियों को बरी कर दिया गया।
उपायुक्त ने ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी को निर्देश दिए कि नशीले पदार्थों की बिक्री करने वाले होलसेलर /रिटेलर के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई जाये। जिला में 29 होलसेलर को चेक किया गया है तथा रिटेलर्स की भी जांच की गई है। जिला में ड्रग सप्लाई करने वालों के विरुद्ध 31 एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नशा मुक्ति केंद्रों की त्रैमासिक बैठक निर्धारित समय पर आयोजित की जाए तथा बिना पंजीकरण संचालित किए जा रहे नशे मुक्ति केंद्र पर रेड कर आवश्यक कार्रवाई की जाये।
पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा नागरिकों को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव बारे जागरूक करने के लिए विशेष टीमें गठित की गई है। इन टीमों द्वारा जिला के 39 गांवों में 63 जागरूकता शिविर आयोजित कर लोगों को नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया है तथा उन्हें हर प्रकार के नशे से दूर रहने की सलाह दी गई है।
एसपी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा नागरिकों को साइबर अपराध से बचने के लिए निरंतर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया कि जागरूकता व बचाव ही साइबर अपराध से सुरक्षित रहने का तरीका है। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म के माध्यम से नागरिकों को साइबर अपराध से बचाव बारे नियमित रूप से जागरूक करें।
बैठक में ड्रग नियंत्रण अधिकारी मनजीत मान, स्वास्थ्य विभाग की मनोचिकित्सक डॉ. विनिता, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
Girish Saini 


