लाखों कुर्बानियों के बाद मिले देश को स्वतंत्रता व संविधान, इनको बचाए रखना हर नागरिक का फर्जः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा

चौ. रणबीर सिंह की जयंती और संविधान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित।

लाखों कुर्बानियों के बाद मिले देश को स्वतंत्रता व संविधान, इनको बचाए रखना हर नागरिक का फर्जः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा

रोहतक, गिरीश सैनी। स्वतंत्रता सेनानी व संविधान सभा के सदस्य रहे स्व चौ रणबीर सिंह के जन्मदिन और संविधान दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी देशवासियों को बधाई दी। हुड्डा आज चौधरी रणबीर सिंह की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके समाधि स्थल पहुंचे थे। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। देश व प्रदेश से बड़ी तादाद में पहुंचे गांधीवादी नेता, कार्यकर्ता व स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने चौ रणबीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

 भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी, संविधान सभा के सदस्य व मेरे पूज्य पिता जी स्वर्गीय चौ रणबीर सिंह हुड्डा संविधान को सबसे बड़ी उपलब्धि मानते थे। संविधान ने देश के हर नागरिक को बराबर का अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी दी है। इसलिए संविधान और देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

समाधि स्थल के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय परिसर भी पहुंचे। यहां उन्होंने चौ. रणबीर सिंह के साथ संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भी नमन कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में लगाई गई एक फोटो प्रदर्शनी में भी शिरकत की।

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने चौ. रणबीर सिंह के जीवन से संबंधित कई किस्से लोगों के साथ साझा किए। उन्होंने बताया कि चौ रणबीर सिंह का जन्म 26 नवम्बर 1914 को हुआ था और यह सुखद संयोग है कि आज ही के दिन संविधान दिवस भी मनाया जाता है। उन्हें गर्व है कि उनके पिता देश की आजादी के लिए संघर्ष के दौरान अंग्रेजों की 8 अलग-अलग जेलों में कैद रहे। इनमें से 4 जेल आज भारत में हैं और 4 पाकिस्तान चली गई हैं।

आजादी के बाद भी चौ. रणबीर सिंह का जीवन देश व समाज को ही समर्पित रहा। देश की आजादी के बाद वो संविधान निर्मात्री सभा के सबसे युवा सदस्य बने। यह प्रदेश के लिए भी गर्व की बात है कि वह हरियाणा क्षेत्र (पंजाब प्रांत) से संविधान सभा के इकलौते सदस्य थे। उन्होंने ही सबसे पहले 1948 में संविधान सभा के भीतर किसानों के लिए एमएसपी का प्रस्ताव रखा। उसके बाद भविष्य में किसानों के लिए एमएसपी की व्यवस्था लागू हुई।

रणबीर सिंह हुड्डा लोकतंत्र के इतिहास में सर्वाधिक 7 अलग-अलग सदनों के सदस्य रहे। उनकी यह उपलब्धि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है। वो संविधान सभा व संविधान परिषद (1947 से 1950), अस्थाई लोकसभा (1950 से 1952), पहली लोकसभा (1952 से 1957), दूसरी लोकसभा (1957 से 1962), संयुक्त पंजाब विधानसभा (1962 से 1966), हरियाणा विधानसभा (1966 से 1967 व 1968 से 1972) और राज्यसभा (1972 से 1978) के सदस्य रहे।  

हरियाणा और पंजाब की सरकारों में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के रूप में चौ. रणबीर सिंह ने भारत के पहले विस्मयकारी बांध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे किसानों को बारहमासी जल की सप्लाई उपलब्ध हो सकी।

चौ रणबीर सिंह हुड्डा सामाजिक समानता के प्रखर पक्षधर थे। 6 नवंबर, 1948 को भारतीय विधान परिषद की बैठक में उन्होंने कहा था कि हम वर्गविहीन समाज बनाना चाहते हैं, जिसमें सभी को समान अधिकार हासिल हों। उनका मानना था कि देश और देश का संविधान बिना गांव, गरीब और किसान के अधूरा है। यही कारण है कि भाखड़ा नांगल जैसी बड़ी परियोजना के तत्काल अनुमोदन एवं त्वरित क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप भाखड़ा नहर प्रणाली का कार्य शीघ्र पूरा हुआ और इसे 22 अक्टूबर 1963 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा उसे राष्ट्र को समर्पित किया गया।