शिक्षाविद एवं लेखक स्व. डॉ. राजेंद्र प्रदीप की जन्म शताब्दी पर स्मृति कार्यक्रम आयोजित
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के पहले अधिष्ठाता छात्र कल्याण, पूर्व डीन सीडीसी एवं प्रतिष्ठित शिक्षाविद, लेखक स्व. डॉ. राजेंद्र प्रदीप की जन्म शताब्दी पर उनकी पुत्री, एमडीयू की पूर्व छात्रा डॉ. माधवी प्रदीप मोहिंद्रा द्वारा लिखित पुस्तक करवटें का लोकार्पण डॉ. अंबेडकर हॉल में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने किया। इस दौरान डॉ राजेंद्र प्रदीप के परिजन भी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में डॉ. राजेंद्र प्रदीप के जीवन, व्यक्तित्व तथा योगदान पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन हुआ। सेवानिवृत लाइब्रेरियन डॉ. पीएन शर्मा, सेवानिवृत निदेशक युवा कल्याण जनार्दन शर्मा, प्रतिष्ठित गायक एवं एमडीयू एलुमिनस कुमार विशु सहित परिजनों ने डॉ. राजेंद्र प्रदीप से संबंधित अमूल्य स्मृतियां साझा की।
डॉ. माधवी ने अपने संबोधन में कहा कि उनके पिता के प्रोत्साहन से ही वे सृजनात्मक क्षेत्र संगीत, नृत्य, साहित्य में पदार्पण कर पाई तथा अपनी विशिष्ट जगह बना पाई। उन्होंने बताया कि पिता की स्मृति को समर्पित उनकी पुस्तक करवटें एक कहानी संग्रह है, जिसमें आत्म कथात्मक पहलुओं के साथ साथ जीवन के अनुभवों का समावेश है।
प्रतिष्ठित संस्कृतिकर्मी तथा स्व. राजेंद्र प्रदीप के पुत्र हेमंत प्रदीप ने इस पुस्तक करवटें से कहानी कवच की समीक्षा प्रस्तुत की। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने स्व. डॉ. राजेंद्र प्रदीप को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे न केवल प्रतिष्ठित शिक्षक थे, बल्कि कुशल प्रशासक तथा विद्यार्थियों को साहित्यिक सांस्कृतिक प्रेरणा देने वाले व्यक्तित्व थे। कुलपति ने डॉ. राजेंद्र प्रदीप की स्मृति में एमडीयू में वार्षिक वाद विवाद प्रतियोगिता, साहित्यिक उत्कृष्टता स्कॉलरशिप तथा शताब्दी वर्ष में उर्दू मुशायरा एवं गजल कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में डॉ. माधवी को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। विक्रम मोहिंद्रा ने परिवार की ओर से आभार जताया। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर, प्रो. सपना गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान एमडीयू के सेवानिवृत शिक्षक, रोहतक तथा हरियाणा के प्रतिष्ठित लेखक, संस्कृतिकर्मी, शिक्षक भी मौजूद रहे। एमडीयू एलुमनी एवं प्रसिद्ध गायक कुमार विशु तथा गायक शम्मी भ्याना ने भजन और पंजाबी गीत प्रस्तुति से स्व. डॉ राजेंद्र प्रदीप को संगीतमय श्रद्धांजलि दी।
Girish Saini 


