चन्नी सरकार लोगों के दिलों में छाई, विरोधी पार्टियां बौखलाईं: भूपिंदर सिंह बसंत

चन्नी सरकार लोगों के दिलों में छाई, विरोधी पार्टियां बौखलाईं: भूपिंदर सिंह बसंत
पंजाब ट्रेडर्स बोर्ड के सीनियर वाईस चेयरमैन (एक्साइज एंड टैक्सेशन) भूपिंदर सिंह बसंत।

लुधियाना, 1 दिसंबर, 2021: पंजाब ट्रेडर्स बोर्ड के सीनियर वाईस चेयरमैन (एक्साइज एंड टैक्सेशन) भूपिंदर सिंह बसंत ने कहा है कि पंजाब में कांग्रेस की चन्नी सरकार ने अपने राजनीतिक विरोधियों को बुरी तरह से पछाड़ दिया है और उन में भगदड़ मच गई है। उन्होंने इस बात की पूरी संभावना जताई है कि अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनाने में सफल रहेगी।

आज यहां जारी एक वक्तव्य में बसंत ने आगे कहा कि चन्नी सरकार ने आते ही हर वर्ग के लोगों की भलाई के लिए ऐसे काम किये हैं जो सभी की नजरों में आ गए हैं। इस तरह चन्नी सरकार पंजाबियों के दिलों में घर कर गई है। इस सरकार ने थोड़े समय में ही सिद्ध कर दिया है कि यह सरकार केवल किसी एक समुदाय की सरकार नहीं है बल्कि हर पंजाबी की सरकार है चाहे वह सिख, दलित, जाट, हिन्दू या मुसलमान हो। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगर चन्नी सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो अगले पांच वर्ष में पंजाब को आर्थिक तौर पर और मजबूत कर दिया जाएगा तथा रोजगार के अधिक अवसर पैदा किये जायेंगे, जिस के लिए चन्नी सरकार को कई पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।

बसंत ने कहा कि जब से चन्नी सरकार सत्ता में आई है उसी दिन से लगभग प्रतिदिन सरकार द्वारा पंजाब के लिए नई-नई घोषणाएं की जा रही हैं और लोकभलाई के नए कार्यक्रम शुरू किये जा रहे हैं। चन्नी सरकार की इन गतिविधियों से विरोधी पार्टियों में बौखलाहट साफ नजर आने लगी है और वे तरह-तरह के झूठे प्रलोभन देकर वोटरों को अपने पक्ष में करने के असफल प्रयास कर रही हैं। जबकि इन विरोधी पार्टियों को भी वास्तविकता के बारे में मालूम है कि इस बार उनका सत्ता में आना लगभग नामुमकिन है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (`आप') का पंजाब में कोई आधार नहीं है क्योंकि पंजाब में कोई भी इस पार्टी को पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा कि आप के कनवीनर व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में बुरी तरह से असफल साबित हुए हैं। लेकिन, पंजाब में आकर वह `ड्रामा' करते हैं जिस के बारे में पंजाब के लोग भलीभांति जानते हैं। केजरीवाल आदत से मजबूर हैं और बिना कारण किसी न किसी वजह से पंजाब पर दोषारोपण करते रहते हैं। दिल्ली में दूषित वातावरण के लिए वे पंजाब में पराली जलाये जाने को मानते हैं। जबकि अगर ऐसा है तो साथ लगते अन्य राज्यों जैसे हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में दिल्ली जैसी समस्या उतपन्न क्यों नहीं होती? पानी के मुद्दे पर भी केजरीवाल पंजाब के विरुद्ध बयानबाजी करते हैं।

उन्होंने कहा कि दरअसल केजरीवाल के दिल में पंजाब के लिए नफरत के अतिरिक्त कुछ नहीं है। केजरीवाल बार-बार पंजाब के विरुद्ध बयानबाजी करते हैं, अब वे किस मुँह से पंजाब में वोटों की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के तौर पर पंजाब के मुकाबले दिल्ली में कोई विकास कार्य नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल अपनी आँखें खोल कर देखें तो उन्हें दोनों राज्यों में अंतर स्वयं ही नजर आ जाएगा। यही वजह है कि आप के कई विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और अभी कई कतार में हैं।

शिरोमणि अकाली दल (शिअदल) के संबंध में बसंत ने कहा कि यह पार्टी शहरी मतदाताओं को रिझाने में लगी हुई है। लेकिन, यह पार्टी अपने प्रयासों में सफल नहीं होगी क्योंकि शहरी मतदाताओं ने पहले ही कांग्रेस को अपनी वोट देने का मन बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि शिअदल पंजाब के व्यापारों व उद्योगपतियों को सब्जबाग दिखा कर सत्ता में आना चाहती है। लेकिन, वे इस में कामयाब नहीं होगी क्योंकि उद्योगपति व व्यापारी पहले ही राज्य की कांग्रेस सरकार की नीतियों की वजह से बहुत खुशहाल हैं। जीएसटी सहित व्यापारियों के लगभग सभी मसलों को चन्नी सरकार पहले ही हल कर चुकी है। व्यापारी खुल कर व्यापर कर रहे हैं। किसी भी सरकारी विभाग द्वारा व्यापारियों को तंग परेशान नहीं किया जा रहा है। यहां तक कि जब कोयले का गंभीर संकट पैदा हुआ तब भी सरकार ने सुनिश्चित किया कि इंडस्ट्री का काम सुचारु रूप से चलता रहे।