वृद्ध गुमशुदा महिला को घर वापस पहुंचाने में प्राधिकरण ने निभाई अपनी भूमिकाः सीजेएम अनिल कौशिक

तेलंगाना से रोहतक लाई गई 52 वर्षीय गुमशुदा वृद्ध महिला

वृद्ध गुमशुदा महिला को घर वापस पहुंचाने में प्राधिकरण ने निभाई अपनी भूमिकाः सीजेएम अनिल कौशिक

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, रोहतक ने स्थानीय गांधीनगर की रहने वाली गुमशुदा एक मानसिक रोगी वृद्ध महिला को उसके घर वापस पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इस वृद्ध महिला को वानापार्थी (तेलंगाना) से प्राप्त करके रोहतक उसके घर तक सकुशल पहुंचाया गया है। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी एडीआर सेंटर में पैनल अधिवक्ता राजबीर कश्यप ने दी।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व वानापार्थी (तेलंगाना) की जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमआर सुनीथा ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, रोहतक की अध्यक्ष नीरजा कुलवंत कलसन तथा प्राधिकरण के सचिव सीजेएम अनिल कौशिक को सूचित किया कि रोहतक की एक महिला यहां के वृद्ध आश्रम में रह रही है। इस महिला का न्यायाधीश एमआर सुनीथा को उस समय पता चला जब वह उक्त आश्रम का निरीक्षण करने के लिए गई थी। यह मामला संज्ञान में आते ही सीजेएम अनिल कौशिक ने इस कार्य को पूर्ण करने की जिम्मेदारी पैनल को दी। इस संबंध में पैनल द्वारा आर्य नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ व जिला पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया, तो पता चला कि यह वृद्ध महिला पिछले 2 वर्षों से लापता चल रही थी। बीच-बीच में उसे बरामद भी कर लिया गया था।

सीजेएम अनिल कौशिक के दिशा निर्देशानुसार उक्त महिला को उसके घर तक लाने के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ उक्त महिला के पति, एक सिपाही व उसके परिवार के अन्य सदस्य को वानापर्थी भेजा गया। उक्त महिला को सोमवार को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। सीजेएम अनिल कौशिक ने बताया कि प्राधिकरण गुमशुदा बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास व सहायता करता है।