अटल जी ने देश के गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कियाः डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान

सुशासन सप्ताह के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित।

अटल जी ने देश के गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कियाः डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान

नीलोखेड़ी, गिरीश सैनी। प्रतिभागी केवल प्रशिक्षण तक सीमित न रहें, बल्कि संकल्प लेकर जाएं और अपने गांवों में स्वच्छता, सुशासन और सामाजिक चेतना के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करें। ये आह्वान हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने संस्थान में सुशासन दिवस के तहत स्वच्छ भारत मिशन–ग्रामीण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों से किया। कार्यक्रम की रूपरेखा संस्थान के संकाय सदस्य संदीप भारद्वाज एवं सुशील मेहता ने प्रस्तुत की।

निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने सुशासन की अवधारणा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वच्छता केवल एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी का विषय है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए कहा कि अटल जी अद्भुत शख्सियत थे, जिनका जीवन विचार, व्यवहार और नीति में पारदर्शिता का प्रतीक था। अटल जी कहते थे कि प्रजातंत्र में पारदर्शिता होनी चाहिए और सरकार विश्वास के आधार पर चलनी चाहिए, न कि प्रलोभन या दबाव से। डॉ. चौहान ने अटल जी के इस कथन को आज भी प्रासंगिक बताया कि हम सांसद खरीदकर सरकार नहीं चलाएंगे, बल्कि नैतिक मूल्यों के आधार पर शासन करेंगे।

डॉ. चौहान ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने सड़क मार्ग को गांवों का भी अधिकार बताया और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान की। अटल जी की विशेषता यह थी कि वे हर परिस्थिति में मुस्कुराते हुए कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करते थे, जो आज के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत है।

देसी गाय को अपनाने का संदेश देते हुए डॉ.चौहान ने कहा कि यदि हर गांव और हर घर में एक देसी गाय हो, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और पर्यावरण तीनों को लाभ होगा। इसके साथ ही उन्होंने हिंदी भाषा को प्राथमिकता देने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि कार्यालयीन कार्य, प्रशासन और दैनिक जीवन में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि हिंदी हमारी सांस्कृतिक पहचान और प्रशासन की आत्मा है।

डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तकालयों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजना पर कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत राज्य में 998 पुस्तकालय स्वीकृत किए गए हैं। इन पुस्तकालयों के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को अध्ययन, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और ज्ञानार्जन के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

कार्यक्रम में राज्य पंचायत संसाधन केंद्र से विशेषज्ञ नीलम छिक्कारा, रिसोर्स पर्सन नारायण दत्त, निर्मला, ज्योति, आर.सी. पूनिया, नवीन भारद्वाज, गुंजन, ललिता राठी, संदीप कुमार सहित अन्य प्रतिभागी मौजूद रहे।