एडीसी ने दिए गर्भवती महिलाओं के 100 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश

अवैध गर्भपात को लेकर होगी कड़ी निगरानी।

एडीसी ने दिए गर्भवती महिलाओं के 100 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश

रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने गर्भवती महिलाओं का 100 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिला टास्क फोर्स बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीसी नरेंद्र कुमार ने कहा कि रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए गर्भवती महिलाओं को जिला मुख्यालय पर आने की आवश्यकता नहीं है। रजिस्ट्रेशन की सुविधा नजदीकी सब सेंटर पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना संबंधित क्षेत्र की आशा वर्कर, एएनएम व आंगनबाड़ी वर्कर की है और अगर किसी क्षेत्र में गर्भवती महिला का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, तो उसके लिए संबंधित एएनएम, आशा वर्कर व आंगनवाड़ी वर्कर जिम्मेदार होगी।


अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने अवैध गर्भपात को लेकर कड़ी निगरानी करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा तालमेल बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी क्षेत्र में अवैध गर्भपात की जानकारी मिलती है तो तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों को आगामी कार्रवाई के लिए सूचित किया जाए। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 सप्ताह से अधिक समय के गर्भपात को लेकर संदेह उत्पन्न होता है, क्योंकि इस समयावधि में भ्रूण लिंग की पहचान की जा सकती है।


एडीसी ने ऐसी गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए जिसकी पहले एक या एक से अधिक लड़कियां हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी सुपरवाइजर उन सभी गांव का दौरा करें जहां पर लिंगानुपात कम है। उन्होंने कहा कि जिन गांव का लिंगानुपात ज्यादा है उनकी पंचायत को सम्मानित किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लड़कियों को प्रार्थना सभा के दौरान शपथ दिलाने और इस विषय को लेकर जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।


घरेलू हिंसा में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की समीक्षा करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए भी लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को रोकना हम सब की जिम्मेदारी है। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर ने बताया कि घरेलू हिंसा में बाल विवाह रोकने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में बाल विवाह के खिलाफ आई 9 शिकायतोंमें से 6 में बाल विवाह को रोक दिया गया। इसी प्रकार वर्ष 2025-26 में अब तक आई चार शिकायतों में से सभी में बाल विवाह को रोक दिया गया।


अतिरिक्त उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे वन स्टॉप सेंटर के बारे में भी रिपोर्ट प्राप्त कर  आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया। उन्होंने प्ले स्कूल में स्थापित किए जाने वाले आर.ओ. की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। एडीसी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना स्कीम की भी समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र आर्य, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी, संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर, जिला समाज कल्याण अधिकारी महाबीर गोदारा सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।