सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जन मुहिम तैयार करनी होगीः डॉ. शरणजीत कौर

दयानंद मठ में आर्य प्रतिनिधि सभा का मासिक सत्संग कार्यक्रम आयोजित।

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जन मुहिम तैयार करनी होगीः डॉ. शरणजीत कौर

रोहतक, गिरीश सैनी। समाज-राष्ट्र में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ चेतना जागृत करने तथा युवा वर्ग में नैतिक मूल्यों तथा संस्कार सृजित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत को रेखांकित करते हुए संस्कारी मूल्यपरक समाज स्थापित करने का संकल्प रविवार को स्थानीय दयानंद मठ में आर्य प्रतिनिधि सभा के मासिक सत्संग कार्यक्रम में लिया गया।

इस कार्यक्रम में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर तथा उनकी पत्नी डॉ. शरणजीत कौर को उनके शैक्षणिक उत्थान कार्य तथा सामाजिक सरोकारों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्वामी शान्तानन्द सरस्वती बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

स्वामी शान्तानन्द सरस्वती ने कहा कि यदि जीवन यज्ञमय तथा परोपकारी हो तो जीवन सफल है। उन्होंने युवा वर्ग को स्वास्थ्य के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि वर्तमान समय जागृति लाने का समय है। जरूरत है कि सत्य आचरण तथा सदाचार शिक्षा और संस्कार की परंपरा समाज में स्थापित की जाए। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चारण से उपस्थित जन को जागृत किया।

सामाजिक कार्यकर्ता, मूक-बधिर जन कल्याण एक्टिविस्ट डॉ. शरणजीत कौर ने अपने संबोधन में कहा कि हमें घरों से निकलकर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जन मुहिम तैयार करना होगा। विशेष रूप से दहेज जैसी कुप्रथा के विरोध में माहौल तैयार करना होगा। सामाजिक बदलाव के लिए गांव-गांव में सामाजिक चेतना मंडली बनाकर काम करना होगा।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह कहा कि भारत महात्माओं, संतों तथा महापुरुषों का देश है। आज जरूरत है कि महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से प्रेरणा लेकर सामाजिक कुरीतियों तथा नशाखोरी के खिलाफ चेतना जागृत किया जाए। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध है। जरूरत है कि आर्य समाज में इस कार्य में विश्वविद्यालय सहयोग करे। सामूहिक प्रयासों से ही सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन संभव हो पाएगा। युवा वर्ग को वैदिक संस्कृति तथा मूल्य परक जीवन शैली से जोड़ने का आह्वान कुलपति ने किया।

कार्यक्रम संचालन वेद प्रचार मंडल प्रमुख सुभाष चंद सांगवान ने किया। महावीर धीर शास्त्री तथा सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. जगदेव विद्यांलकार ने भी संबोधन किया। पवनजीत आर्य ने वेदों को महिमा मंडित करते हुए सुंदर भजन प्रस्तुत किए। आभार प्रदर्शन आर्य प्रतिनिधि सभा सदस्य, एमडीयू के प्राध्यापक डॉ. अनुराग खटकड़ ने किया।