महिला एवं बाल विकास में नवाचार पर फोकस के तहत रोहतक में 7 मॉडल पहलें शुरू हुईः उपायुक्त सचिन गुप्ता
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि रोहतक जिला महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में नवाचार, तकनीक और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से एक मॉडल जिला बनने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पहल से बाल पोषण, प्रारंभिक शिक्षा, सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मापनीय सुधार देखने को मिलना चाहिए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि फील्ड स्तर पर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, नियमित निरीक्षण और स्वास्थ्य, शिक्षा व पंचायत विभागों के साथ तालमेल सुनिश्चित किया जाए ताकि अधिकतम प्रभाव हो सके।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल, बिजली व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि पोषण सुधार, प्रारंभिक शिक्षा और महिलाओं की सुरक्षा को विभाग की शीर्ष प्राथमिकता बनाया जाए और इसके लिए नवाचार आधारित व समुदाय सहभागिता से चलने वाली योजनाएं तैयार की जाएं।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि रोहतक में 7 मॉडल नवाचार पहलें शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सुपोषण रोहतक - स्मार्ट न्यूट्रिशन मिशन एवं पोषण वाटिका के तहत 0-6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के लिए एक समग्र स्मार्ट पोषण मिशन शुरू किया गया है, जिसमें मोबाइल ऐप के माध्यम से रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग की जा रही है। आंगनवाडिय़ों व घरों में पोषण वाटिका विकसित की जा रही हैं, जिनमें सहजन, पालक, गाजर आदि पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित कम्युनिटी न्यूट्री किचन में स्थानीय और पारंपरिक खाद्य पदार्थों से कम लागत वाले पौष्टिक व्यंजन बनाए और प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
उपायुक्त ने बताया कि आंगनवाड़ी प्लस - मॉडल प्रारंभिक शिक्षा केंद्र के तहत आंगनवाडिय़ों को स्मार्ट प्रारंभिक बाल विकास केंद्रों में रूपांतरित किया जा रहा है, जहां शैक्षणिक खिलौने, पजल्स, डिजिटल किट और बाल-अनुकूल सीखने का वातावरण उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक माह आयोजित होने वाले बचपन चौपाल कार्यक्रमों के माध्यम से माता-पिता की सहभागिता और बच्चों की स्कूल तैयारी पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सशक्त रोहतक - महिला सशक्तिकरण हब के तहत ब्लॉक स्तर पर महिला संसाधन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां डिजिटल साक्षरता, वित्तीय जागरूकता और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों को दर्जी कार्य, खाद्य प्रसंस्करण, हर्बल उत्पाद निर्माण जैसे लघु उद्योगों से जोड़ा जा रहा है, जिन्हें जीईएम और ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर विपणन की सुविधा दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि नन्ही शक्ति - किशोरी बालिका कार्यक्रम के तहत किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन, नेतृत्व कौशल, जीवन कौशल एवं डिजिटल जागरूकता के माध्यम से सशक्त बनाया जा रहा है। पीयर मेंटर नेटवर्क के तहत बड़ी लड़कियां छोटी उम्र की किशोरियों का मार्गदर्शन व सहयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा रोहतक को लेकर सुरक्षित महिलाएं, सुरक्षित बच्चे अभियान के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सीसीटीवी निगरानी, बाल सुरक्षा प्रोटोकॉल और सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित किए जा रहे हैं। गांव स्तर पर मां सुरक्षा समितियां गठित की जा रही हैं, जो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सामुदायिक निगरानी समूह के रूप में कार्य करेंगी। यह पहल हेल्पलाइन 112 से एकीकृत की गई है ताकि किसी भी सुरक्षा संबंधित शिकायत पर त्वरित प्रतिक्रिया मिल सके।
उपायुक्त ने कहा कि प्रथम 1000 दिन कार्यक्रम के तहत मां और शिशु के स्वास्थ्य पर केंद्रित यह कार्यक्रम गर्भधारण से लेकर बच्चे के दो वर्ष तक की अवधि में पोषण, आयुष आधारित वेलनेस परामर्श और प्रारंभिक उत्तेजना गतिविधियों पर बल देता है। वृद्धि निगरानी और घर-घर जाकर की जाने वाली विजिट के माध्यम से व्यक्तिगत देखभाल सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि रोहतक बाल उत्सव - बाल प्रतिभा एवं रचनात्मकता महोत्सव के तहत जिला स्तर पर आयोजित इस उत्सव में आंगनबाड़ी व स्कूल के बच्चे गीत, चित्रकला, नाटक और कहानी कहने जैसी प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। यह पहल अभिभावकों की सहभागिता को बढ़ावा देती है और बच्चों में आत्मविश्वास व सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डब्ल्यूसीडी) दीपिका सैनी ने जिला में लागू की जा रही सात अभिनव परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया, जिनका उद्देश्य महिला एवं बाल कल्याण सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभाव को बढ़ाना है। इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपिका सैनी, सीडीपीओ, बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पोषण समन्वयक, पीएमएमवीवाई सहायक सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
Girish Saini 

