सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर में 9 राज्यों और एक यूटी से 157 वालंटियर्स ले रहे भाग

सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर में 9 राज्यों और एक यूटी से 157 वालंटियर्स ले रहे भाग

रोहतक, गिरीश सैनी। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में तथा राज्य एनएसएस प्रकोष्ठ, उच्च शिक्षा विभाग, हरियाणा के सहयोग से एमडीयू में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) सेल के तत्वावधान में सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर शुरू हुआ। इस वर्ष के शिविर की थीम ‘यूथ फॉर माय भारत’ और ‘यूथ फॉर डिजिटल लिटरेसी’ रखी गई है। शिविर का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रीय एकता, डिजिटल साक्षरता और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को सशक्त बनाना है।

 

विवि के राधाकृष्णन सभागार में आयोजित उद्घाटन सत्र में मेयर राम अवतार वाल्मीकि ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र सेवा केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि जीवन का आदर्श है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें, डिजिटल जागरूकता फैलाएं और निस्वार्थ सेवा की भावना को अपनाएं। 

 

गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता शिविर युवाओं के सर्वांगीण विकास का माध्यम है, जो उन्हें आत्म अनुशासन, टीम भावना और संवेदनशीलता का पाठ सिखाता है। डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ऐसे शिविर विद्यार्थियों में राष्ट्र सेवा, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और सामाजिक जुड़ाव को मजबूत करते हैं।

 

एनएसएस प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर एवं शिविर की संयोजिका प्रो. सविता राठी ने स्वागत भाषण देते हुए शिविर की गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस सात दिवसीय शिविर के दौरान स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य जागरूकता, ग्राम विकास और सामाजिक एकता से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। चीफ कंसल्टेंट, यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रो. राजकुमार भी मौजूद रहे।

 

डॉ. महक दांगी और डॉ. रवि प्रभात ने मंच संचालन किया। डायरेक्टर, सीसीपीसी प्रो. दिव्या मल्हान ने आभार व्यक्त किया। शाम के सांस्कृतिक सत्र में हरियाणवी कलाकारों रामकेश जीवनपुरिया, मंजीत और नीरज ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से हरियाणा की लोक संस्कृति का जीवंत चित्र प्रस्तुत किया। इसके अलावा एनएसएस वालंटियर्स ने भी मधुर सांस्कृतिक प्रतिष्ठित देकर समां बांधा।