“तू मेरो मेर परबत स्वामी” और “जिन सीरिया तीने सवारिया” सुन निहाल हुई संगत

गुरु नानक देव जी के ज्योति ज्योत को समर्पित गुरमत समागम आयोजित।

“तू मेरो मेर परबत स्वामी” और “जिन सीरिया तीने सवारिया” सुन निहाल हुई संगत

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय डीएलएफ कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा बाबा सोमा शाह में सालाना दसमी तथा प्रथम सिख गुरु श्री नानक देव जी के ज्योति ज्योत को समर्पित गुरमत समागम का आयोजन किया गया।

हेड ग्रंथी भाई गुरजीत सिंह ने बताया कि दूर-दूर से पहुंची संगत ने दरबार साहिब में माथा टेक कर सुख-शांति की अरदास की। रंग बिरंगी लाइटों व विभिन्न प्रकार के फूलों से सजे दरबार हाल में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही।

सुबह श्री अखंड पाठ साहिब की संपूर्णता उपरांत बीबीयां दे जत्थे ने कीर्तन किया। समागम में हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर ने अपनी मधुर वाणी में “तू मेरो मेर परबत स्वामी”, “मेरे साहिब तू मैं मान निमानी” और “इक दिन सोवन होएगो” जैसे शब्द गाकर संगत को निहाल किया। इसके बाद भाई सिमरप्रीत सिंह (श्री दरबार साहिब, अमृतसर) ने “वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी”, “सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है”, “तुम सरणाई आया ठाकुर”, “हर की वड़ियाई” और “जिन सीरिया तिने सवारिया” का गायन कर गुरु का बखान किया। गुरुद्वारा सीस गंज साहिब दिल्ली के हेड ग्रंथी ज्ञानी हरनाम सिंह ने  गुरबाणी विचार साझा करते हुए गुरू की महिमा से अवगत कराया।

कीर्तन समागम उपरांत श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर अटूट बरताया गया। इस दौरान सरदार चरण शाह सिंह, गुरमीत शाह सिंह, सरदार लाभ सिंह, हजूरी रागी बीबा मनजोत कौर, कुलदीप सिंह सोनी, सरदार हरिंद्र सिंह, वीरेंद्र गोसाई, हरजीत कौर, अरविंदर कौर, इशिता भाटिया, नेहा, कपिल बजाज, गगनदीप सिंह, महेश चिटकारा, पीयूष, मनीष बजाज, प्रीति, सान्या, मान्या, गगन वधवा, प्रभजोत सिंह, अनिशा सहित अन्य सेवादार व सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।