समाचार विश्लेषण/क्या भूलूं , क्या याद करूं?

समाचार विश्लेषण/क्या भूलूं , क्या याद करूं?
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
राजनीति क्या चीज है ? आज कुछ , कल कुछ । करवट लेती रहती है । स्थिर कुछ नहीं इसमें । कल जिसके नाम की जय जय होती थी , आज मुर्दाबाद के नारे भी सुनने पड़ते हैं ।।कल भीड़ आपके आगमन की इंतज़ार कर रही होती है तो आज पत्थर लेकर विरोध प्रदर्शन करने को तैयार मिलती है । राजनीति इसी का नाम है भाई । 
जिस इन्दिरा गांधी की धूम मची और जिसे खुद अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष में रहते दुर्गा कहा , उसी इंदिरा गांधी को लोगों ने रायबरेली में हरा दिया । उसी रायबरेली जैसे गढ़ से राहुल नामांकन करने के बावजूद वायनाड चले गये और स्मृति ईरानी से हारे भी रायबरेली में । ऐसे ही चौ भजन लाल भी हारे । जिंदगी में एकमात्र चुनाव करनाल लोकसभा में चौ भजन लाल भी हारे । 
अभी हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अशोक अरोड़ा , रणदीप सुरजेवाला , जय प्रकाश भी हार गये और कांग्रेस सरकार बनाने से चूक गयी । वैसे तो कैप्टन अभिमन्यु और सुभाष बराला भी हारे , पंडित रामबिलास शर्मा भी हार गये । ममता बनर्जी भी हारीं ।
अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव आ रहे हैं । उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य होने के कारण यहां प्रत्याशियों की सूचियां भी जारी होने लगी हैं । पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या लड़ने चले थे लेकिन अब गोरखपुर से ही लड़ेंगे । क्या उन्हें याद आएगा वह समय जब गोरखपुर के अस्पताल में गैस सिलेंडरों की कभी से बच्चे मारे गये थे । क्या उन्हें याद आएगा कि कैसे पार्कों में युवक युवतियों की पिटाई की जाने लगी थी ? क्या उन्हें याद आएगा कि कैसे कुलदीप सेंगर ने एक युवती से शोषण के बाद उसके परिवार को भी खत्म कर दिया और मुश्किल से उसे भाजपा से निकाला गया? क्या याद आयेगा कि एक केंद्रीय राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी और उस घटना में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गये ? 
ऐसे ही पंजाब में क्या जनता पूछेगी नहीं कांग्रेस से और नवजोत सिद्धू से कि नशे का कारोबार खत्म करने के लिए क्या क्या किया ? आपस में ही लड़ाई क्यों करते रहे भाई ? अब किसान आंदोलन की आड़ में चढूनी चुनाव क्यों लड़ने जा रहे हो ?
उत्तराखंड में जो त्रासदी आईं उसके बारे में कोई नहीं पूछेगा क्या ?
बहुत कुछ याद आएगा जनता को । किस किस को जवाब दोगे ? जनता आपको पटखनी देगी तो संभलने का मौका भी न मिलेगा । राजनीति इसी का नाम है भाई । अब देखो और लो मजे । इसे ही कहते हैं जनता का रिपोर्ट कार्ड ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।