कैसे-कैसे आरोप प्रत्यारोप? 

कैसे-कैसे आरोप प्रत्यारोप? 

-*कमलेश भारतीय
लोकसभा चुनाव में कैसे कैसे आरोप प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगाये जा रहे हैं।  हैरानी होती है।  अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर जनसभा में राहुल गांधी को शहजादा, शहजादा कह रहे हैं तो राहुल की बहन प्रियंका गांधी जवाब दे रही हैं कि शहजादे ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक चार हज़ार किलोमीटर की पदयात्रा की है जबकि आप प्रधानमंत्री आवास में थे या हवाई उड़ान पर।  प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि कांग्रेस की साजिश रोकने के लिए चार सौ से ज्यदा सीटें दीजिये यानी इस बार भाजपा गठबंधन चार सौ पार का नारा।  यह भी कह रहे हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर आने से कांग्रेस ने मना कर दिया। राहुल गांधी कह रहे हैं कि आदिवासी होने के कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न तो राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया और न ही नये संसद भवन के उद्घाटन पर।  राहुल गांधी ने फिर संविधान बचाने की लड़ाई की दुहाई दी। 
राहुल गांधी ने मीडिया को भी घेरा और  कहा कि मीडिया अंबानी के बेटे की शादी की रस्में तो दिखा देगा लेकिन आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को नहीं दिखायेगा। यही आरोप कभी दूरदर्शन पर भाजपा लगाती थी और इसे 'राजीव दर्शन' कहती थी यानी मीडिया को भी एक तोता बना कर बस में करना चुनाव के समय जरूरी है ।
इधर हरियाणा सरकार को समर्थन‌ दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने के संबंध में राज्यपाल को पत्र‌ लिखा है, जिससे हरियाणा सरकार अल्पमत में आ गयी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कह रहे हैं कि कांग्रेस इनकी इच्छायें पूरी करने में लगी है, तो इनके साढ़े चार साल के समर्थन के समय इनकी इच्छायें क्या थीं, यह जानने की कोशिश नहीं की या कौन पूरी कर रहा था ? और राज्यों में जब कांग्रेस विधायक भाजपा के साथ आकर सरकार अल्पमत में ला  देते हैं या पलट ही देते हैं, तब उनकी इच्छायें कौन पूरी करता है? यह राजनीति अब मांग और आपूर्ति पर निर्भर है पर हरियाणा सरकार को कोई गिराकर सरकार नहीं बनाना चाहता और नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मांग है कि ऐसे में हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये।  मज़ेदार बात कि जजपा के दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाये, जजपा विथायक समर्थन देंगे । दिग्विजय भाई, आपके विधायक तो आपके साथ नहीं मिल रहे तो समर्थन किसका दिलवाओगे? न देवेंद्र बबली और न ही जोगीराम सिहाग।  और तो और दादा रामकुमार गौतम तो सरकार बनने के दिन से रूठे,  फिर कभी दिखे नहीं, तो समर्थन कौन करेगा?
निर्दलीय विधायकों की सुन लो कि हमें तवज्जो नहीं दी गयी यानी इम्पार्टेंस नहीं दी। लोगों की नाराजगी अलग झेली और भाजपा ने भी धोखा दिया।  इस तरह आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं ।  यही आज नयी राजनीति है -पाला बदलो और बुरा भला कहो ।  अभी समय है, ये रोचक आरोप प्रत्यारोप लगाने का ।  मज़ेदार बात तो यह भी है कि भाजपा के चाणक्य अमित शाह कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस खोजो यात्रा निकालनी पड़ेगी।  बल्ले-बल्ले क्या कहने।  पहले नारा था-कांग्रेस मुक्त भारत, अब कांग्रेस खोजो।  
वैसे एक मज़ेदार बात के बिना भी रहा नहीं जा रहा। मंडी (हिमाचल)  से भाजपा प्रत्याशी कंगना रानौत का दावा है कि अमिताभ बच्चन के बाद विदेशों में वही सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। अब आप इसे हज़म कर लोगे? मैं तो हज़म नहीं कर पा रहा।  
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।