कारगिल युद्ध की जीत भारतीय सेना की स्ट्रैटिजिक लीडरशिप तथा सैन्य सूझबूझ का परिचायक हैः ब्रिगेडियर ब्रिजेश पाण्डे  

नामुमकिन को मुमकिन बनाने का कार्य भारतीय सशस्त्र सेना के वीर जवान साहस, शौर्य तथा देशभक्ति के जज्बे के साथ सिद्ध करते हैं। कारगिल युद्ध में भारत की विजय भारतीय सेना के इस अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। भारतीय थल सेना अधिकारी ब्रिगेडियर ब्रिजेश पाण्डे ने ये उद्गार बुधवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।

कारगिल युद्ध की जीत भारतीय सेना की स्ट्रैटिजिक लीडरशिप तथा सैन्य सूझबूझ का परिचायक हैः ब्रिगेडियर ब्रिजेश पाण्डे  

रोहतक, गिरीश सैनी। नामुमकिन को मुमकिन बनाने का कार्य भारतीय सशस्त्र सेना के वीर जवान साहस, शौर्य तथा देशभक्ति के जज्बे के साथ सिद्ध करते हैं। कारगिल युद्ध में भारत की विजय भारतीय सेना के इस अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। भारतीय थल सेना अधिकारी ब्रिगेडियर ब्रिजेश पाण्डे ने ये उद्गार बुधवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।

ब्रिगेडियर ब्रिजेश पाण्डे ने कहा कि कारगिल युद्ध बहुत ही कठिन युद्ध था क्योंकि दुर्गम क्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों में लड़ा गया। इस युद्ध में 527 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की तथा दुश्मन को करारी मात दी।

ब्रिगेडियर पाण्डे ने विस्तृत रूप से साथ कारगिल युद्ध के ऑपरेशन विजय का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध की जीत भारतीय सेना की स्ट्रैटिजिक लीडरशिप तथा सैन्य सूझबूझ का परिचायक है। ब्रिगेडियर पाण्डे ने युवा शक्ति का आह्वान किया कि भारतीय सेना ज्वाइन कर राष्ट्र की सेवा करें। उनका कहना था कि युवा शक्ति यदि संकल्प करे तो असंभव को भी संभव कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध का विजय दिवस भारतीयों के लिए गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के प्रति स्वयं को समर्पित करना होगा। कुलपति ने कहा कि एमडीयू में यूथ सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट के तत्वावधान में विद्यार्थियों को भारतीय सशस्त्र सेना में कॅरियर के लिए तैयार किया जा रहा है। इस सेंटर से प्रशिक्षित लगभग 370 से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन भारतीय सशस्त्र सेना में हुआ है।

समारोह के मुख्य अतिथि ग्रुप कमांडर, एनसीसी हैड क्वार्टर,रोहतक ब्रिगेडियर हरबीर सिंह ने अपने संबोधन में कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के जीवट साहस और शौर्य की गाथा प्रस्तुत की। उन्होंने टुरटुक सेक्टर में हुए कारगिल युद्ध का जीवंत विवरण दिया, जहां वे स्वयं युद्ध में शामिल रहे। उन्होंने बताया कि किस प्रकार 18000 फीट ऊंची चोटी को भारतीय सेना ने फतेह किया।

कार्यक्रम में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने राष्ट्र भक्ति से सराबोर धन्य भारतीय वीर कविता का पाठ किया। रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय सेना जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर राष्ट्र की सुरक्षा के लिए कार्य करती है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा ने स्वागत भाषण दिया। मंच संचालन निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने किया। आभार प्रदर्शन जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर, हरियाणा के प्रदेश सचिव डॉ. विवेक बाल्याण ने किया।

यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से एमडीयू स्टूडेंट वेल्फेयर कार्यालय, एनसीसी ग्रुप हैड क्वार्टर, रोहतक तथा जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर, हरियाणा द्वारा आयोजित किया गया।

राधाकृष्णन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, डीन सीडीसी प्रो. ए.एस. मान, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. जेएस धनखड़, रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी सिंह, डॉ. सुरेन्द्र जैन, डॉ. अंजलि जैन, एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक प्रो. तिलक राज, वाईआरसी कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आशा शर्मा, डॉ. विकास, डॉ. सीमा समेत एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस तथा वाईआरसी वालंटियर्स मौजूद रहे।