कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग और पोषण संबंधित आवश्यकताओं के बारे में समाज को जागरूक करने का आह्वान किया

सात दिवसीय फार्मेसी कार्यशाला संपन्न। 

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग और पोषण संबंधित आवश्यकताओं के बारे में समाज को जागरूक करने का आह्वान किया

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में- चैलेंजस एंड अपॉर्च्यूनिटीज इन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री विषय पर आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला संपन्न हो गई।
समापन सत्र में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए सफलता पाने के लिए ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने फार्मेसी विभाग से बेहतर स्वास्थ्य के लिए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग और पोषण संबंधित आवश्यकताओं के बारे में समाज को जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
अल्केम लैबोरेट्रीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डा. अरुण पाण्डे ने समापन सत्र में विशेष व्याख्यान दिया और विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। डीन, फार्मास्युटिकल साइंसेज संकाय प्रो. हरीश दूरेजा ने कार्यशाला में आयोजित की गई गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सीआरएसआई निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने अच्छे स्वास्थ्य में दवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। डा. पीके वर्मा ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्राध्यापक डा. राकेश मरवाह ने आभार प्रदर्शन किया। डा. सलोनी कक्कड़ ने मंच संचालन किया। इस दौरान प्रो. बी. नरसिम्हन, प्रो. संजू नंदा, डा. विनित मित्तल, डा. वंदना, डा. सलोनी, डा. अनुराग, डा. महेश, डा. नीता, डा. अनुराधा, डा. पूनम यादव, डा. अभिलाषा, डा. आशु समेत शोधार्थी मौजूद रहे।
इससे पूर्व सुबह आयोजित सत्र में सिटीलाइन, न्यूयार्क के सीनियर मैनेजर साहिल खट्टर ने बताया कि फार्मास्युटिकल उद्योग औद्योगिक आधुनिकीकरण के 5.0 संस्करण में है और फार्मास्युटिकल उद्योग आधुनिकीकरण में ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। क्वांटिफाई रिसर्च, मोहाली के मेडिकल राइटिंग मैनेजर डा. डा. कृपी वोहरा ने चिकित्सा लेखन के क्षेत्र में नए रुझानों और संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता चिकित्सा लेखन के भविष्य को प्रभावित कर रही है। एलईके कंसल्टिंग, गुरुग्राम की एनालिस्ट तनिष्का परुथी ने फार्मास्युटिकल्स विश्लेषण और अनुसंधान में परामर्श के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को औद्योगिक स्तर पर नौकरियां पाने में उद्योग स्पेसिफिक स्किल्स के महत्व के बारे में भी जागरूक किया। प्रो. हरीश दुरेजा, डा. पीके वर्मा, डा. नीता, डा. अभिलाषा ने अतिथि वक्ताओं को सम्मानित किया।