समाचार विश्लेषण/एक सांसद की असंसदीय भाषा
 
                            -*कमलेश भारतीय 
संसद हमारे देश की सबसे बड़ी पंचायत । हर सांसद एक बड़े क्षेत्र का  प्रतिनिधित्व करता है जिसमें आमतौर पर नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल होते हैं । ऐसे सांसदों को बड़े आदर से देखा जाता है और वे एक सेलिब्रिटी भी होते हैं । इन्हें संसद में भी अच्छा प्रदर्शन करना होता है लेकिन संसद का स्तर ही काफी गिर गया है । इसमें जहाज बना कर लोकसभा अध्यक्ष की ओर उड़ाये जाते हैं या फिर हंगामे की भेंट पूरे का पूरा सत्र ही चढ़ जाता है । ऐसे में सांसदों से किस मर्यादा की उम्मीद लगाई जा सकती है ? अनुराग ठाकुर ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय अरविंद केजरीवाल के लिए क्या क्या नहीं कहा था ? बिहार में तो ऐसी भाषा से परेशान होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि इससे अच्छा है मुझे फांसी चढ़ा दो लालू पुत्र । बहुत उदाहरण मिल जायेंगे ऐसी भाषा के ।
अपने रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा ने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को कलोई के शिव मंदिर में बंधक बना लिये जाने की घटना पर जो और जिन शब्दों में कहा , उस भाषा की किसी सांसद से उम्मीद नहीं की जा सकती । उन्होंने भरी सभा में बंधक बनाने वालों को चेतावनी देते कहा कि जो मनीष की ओर देखेगा उसकी आंख निकल ली जायेगी और जो हाथ इनकी ओर उठेगा , उसे काट कर रख देंगे । तौबा , तौबा , यह एक सांसद की भाषा है ? पूरी असंसदीय भाषा । क्या वे सचमुच डाॅक्टर हैं और सांसद हैं ? दोनों हैं पर मर्यादा भूल गये या ताक पर रख दी । क्या ये शब्द इनके मुखारविंद से शोभा देते हैं ? नहीं । बिल्कुल नहीं ।
इससे पहले हमारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी भी कुछ इस तरह बोले थे कार्यकर्त्ताओं के बीच कि भई , आप अपना विरोध करने वालों पर लट्ठ उठा लो और पूरे हरियाणा में यह वीडियो खूब वायरल हुआ और इस बात का इतना विरोध हुआ कि आखिरकार इस बात के लिए माफी मांगनी पड़ी और समय रहते उन्होंने ऐसा कर लिया । । क्या अब जोश में जो सांसद महोदय कह गये , इसके लिए माफी मांगेंगे ? रोहतक ने ही आपको सांसद बनाया और आप रोहतकवासियों के लिए ऐसी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर उनका ऋण चुकता कर रहे हैं ? कुछ सोचिये अरविंद शर्मा जी और समय रहते माफी मांग लीजिए । माफी मांगने से आप छोटे नहीं हो जायेंगे बल्कि आपकी कद्र बढ़ जायेगी। 
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।
 
                             
                 Kamlesh Bhartiya
                                    Kamlesh Bhartiya                                
 
         
         
        

 
                                    
                                 
 
 
 
