दो वर्षों ने वो सिखा दिया जो पहले नहीं मालूम था

दो वर्षों ने वो सिखा दिया जो पहले नहीं मालूम था

कुछ लोग सोशल मीडिया को बहुत ही दिलचस्प बना देते हैं। आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ऐसे ही खुशमिजाज लोगों में से एक हैं, जो ट्विटर के जरिए खुशी और ज्ञान का प्रसार करते हैं। उन्होंने उन बातों की एक सूची तैयार की जो हम सबने पिछले दो वर्षों के कर्फ्यू और लॉकडाउन के दौरान जानी-समझी हैं। अपने हाल के एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब जबकि महामारी कुछ हद तक नियंत्रण में है, पिछले दो वर्षों में हमने जो सबक सीखे हैं, उनका हिसाब किताब करने का यह सही वक्त है। उन्होंने जिन बातों का उल्लेख अपने ट्वीट में किया उनमें व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सभी तरह की बातें शामिल हैं। पहले नंबर पर लिखा कि चीन ने बिना कोई मिसाइल दागे तीसरा विश्व युद्ध जीत लिया। साथ ही, यूरोपीय लोग उतने काबिल नहीं हैं जितने वे दिखते हैं। एक यह भी तथ्य सामने आया कि अमीर लोगों में गरीबों की तुलना में कम इम्युनिटी होती है। यही वजह है कि मजदूरी करके या सब्जी-फल बेच कर दिहाड़ी कमाने वालों को कोविड नहीं हुआ, जबकि अमीरों और मध्यमवर्गीय लोगों को कोविड अधिक हुआ और बहुतों की जान भी चली गई।
 
यह साबित हुआ कि दुनिया का कोई ज्योतिषी कोरोना के बारे में उपयोगी और सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पाया। कोई भी पुजारी, शेख, उस्ताद या ज्योतिषी किसी भी मरीज की जान नहीं बचा सका। मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोग फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ियों से अधिक महत्व के होते हैं। प्रकृति को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी। लोगों को पता चला कि शायद चिड़ियाघर में बंद जानवर कुछ-कुछ उसी तरह महसूस करते हैं जैसे हम सब क्वारेंटाइन के समय फील करते थे। कोरोना वायरस ने यह बता दिया कि मनुष्य की दखलंदाजी के बिना भी प्रकृति बहुत तीव्रता से नये जीवों को उत्पन्न कर सकती है। तेल के बारे में यह स्पष्ट हुआ कि इस्तेमाल के बिना तेल बेकार की चीज है। महामारी में दफ्तर बंद रहे, लेकिन काम चलते रहे, जिससे साबित हुआ कि अधिकांश लोग आराम से घर से काम कर सकते हैं, फिर भी तनख्वाह या मुनाफे में खास कमी नहीं आई।
 
लोगों ने दिखा दिया कि जंक फूड खाए बिना भी हर कोई जीवित रह सकता है। साबित हुआ कि साफ-सफाई वाला जीवन जीना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। सबसे बड़ी बात तो यह समझ में आई कि पुरुष खाना भी बना सकते हैं और बाई से ज्यादा अच्छे बर्तन मांज लेते हैं। महामारी ने बता दिया कि अभिनेता सिर्फ मनोरंजन करने वाले होते हैं, वे असली नायक नहीं होते। कोविड ने यह बात तो हम सबको बहुत ही अच्छे से समझा दी कि मानव जीवन बहुत ही नाजुक होता है, इसलिए अपना बहुत ही सावधानी से ख्याल रखना चाहिए। दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है, सब कुछ परिवर्तनशील है, इसलिए वक्त के साथ एडजस्ट करते हुए चलना चाहिए। ट्विटर यूजर्स ने भी कुछ टिप्पणियां कीं, जैसे कि हम लोग मंदिर, चर्च और मस्जिद के बिना जीवित रह सकते हैं। स्कूल जाने की उतनी भी जरूरत नहीं है। हमारी प्राथमिकताएं बदलीं हैं, जैसे कि हमने छोटी-छोटी चीजों की कद्र करना सीखा, कृतज्ञ रहने की वैल्यू पता लगी। जीवन में रिश्तों का महत्व पता लगा। 

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)