विश्व भर में मांग में कमी के साथ विकास में मंदी के कारण हाल के महीनों के दौरान निर्यात में निरंतर गिरावट आई है : फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल

विश्व भर में मांग में कमी के साथ विकास में मंदी के कारण हाल के महीनों के दौरान निर्यात में निरंतर गिरावट आई है : फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल

 फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल ने कहा है कि 2023-24 की पहली तिमाही के साथ कुल मिलाकर, जून के निर्यात (वस्तु एवं सेवाओं दोनों) में विश्व भर में मांग में कमी के साथ विकास में मंदी के कारण हाल के महीनों के दौरान निर्यात में निरंतर गिरावट आई है। डॉ. शक्तिवेल ने यह भी कहा कि अमेरिका और चीन सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में निर्यात में गिरावट का रुझान देखा जा रहा है। इसके साथ-साथ, साल की शुरुआत के दौरान ही यूरोजोन के मंदी में जाने से उनकी जीडीपी में सुस्ती आ गई है और ब्रिटेन सहित यूरोप की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं की शुरुआत धीमी हुई है। डॉ. शक्तिवेल ने कहा कि यह मंदी ऊर्जा की उच्चतर कीमत के बाद आई है जिसने यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मांग में कमी तथा मुद्रास्फीति में तेजी लाने में योगदान दिया है। फियो अध्यक्ष ने कहा कि 2023 में वस्तु व्यापार की वृद्धि की गति में सुस्ती के उल्लेखनीय कारणों में जारी भू-राजनीतिक तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधा, मौद्रिक स्थिति के सख्त होने और मंदी के डर शामिल हैं जिसकी वजह से दुनिया भर में, विशेष रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में उपभोक्ता व्यय में गिरावट आ गई है।
 
फियो अध्यक्ष ने कहा कि हमारा मानना है कि निर्यात में जल्द ही बेहतर वृद्धि संख्या दिखनी शुरु हो जाएगी क्योंकि त्योहारों और नए साल के मौसम के लिए कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही से नए ऑर्डर या ऑर्डर बुकिंग से चीजों में सुधार आने की उम्मीद है।
 
कुछ प्रमुख सेक्टरों जिनमें जून 2023 के दौरान सकारात्मक वृद्धि देखी गई, उनमें इलेक्ट्रोनिक वस्तुएं, लौह अयस्क, फल एवं सब्जियां, तिलहन, काजू, तंबाकू, हस्तनिर्मित्त दरी को छोड़कर हस्तशिल्प और कॉफी शामिल हैं। फियो अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि आयात में गिरावट देश के लिए एक अच्छा संकेत है लेकिन उसकी वजह से भी पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण, जैविक और अजैविक रसायन आदि जैसे हमारे प्रमुख सेक्टरों में गिरावट आई है।
 
फियो अध्यक्ष ने दुहराया कि अभी समय की मांग एमएसएमई को सरल तथा ऋण की निम्न लागत के माध्यम से अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने की है, जो ब्रांड इंडिया के उत्पादों और सेवाओं को और बढ़ावा देने के लिए विपणन सहायता तथा निर्यातों पर माल ढुलाई पर जीएसटी की छूट देने की निर्यातक समुदाय की लंबे समय से मांग रही है। इसके अतिरिक्त, जब भी विदेश व्यापार नीति में कोई बड़ा बदलाव अधिसूचित किया जाता है तो निर्यात के सभी सेक्टरों में ब्याज समकरण सहायता और 3-6 महीने की संक्रमण अवधि प्रदान की जा सकती है जो ऐसे कठिन और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उन्हें बहुत आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।