34 वर्ष के लंबे शैक्षणिक सेवाकाल के बाद सेवानिवृत्त हुई प्रो. पुष्पा दहिया

34 वर्ष के लंबे शैक्षणिक सेवाकाल के बाद सेवानिवृत्त हुई प्रो. पुष्पा दहिया

रोहतक, गिरीश सैनी । महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के बॉटनी विभाग की अध्यक्षा एवं वरिष्ठ प्रोफेसर डा. पुष्पा दहिया लगभग 34 वर्ष के लंबे शैक्षणिक सेवाकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गई। प्रो. पुष्पा दहिया ने अपने शैक्षणिक सफर को विज्ञान क्षेत्र में शोध कार्यों को समर्पित करते हुए स्कूलों में विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि जगाने की दिशा में विशिष्ट योगदान दिया।  

बॉटनी विभाग में आयोजित विदाई समारोह में विभाग के प्राध्यापकों, गैर शिक्षक कर्मियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने प्रो. पुष्पा दहिया को भावभीनी विदाई दी और उनके सुखद एवं स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। समारोह में प्रो. पुष्पा दहिया द्वारा अपने कार्यकाल में शैक्षणिक एवं शोध के क्षेत्र में दिए गए अभूतपूर्व योगदान की सराहना की गई।  

समारोह में प्रो. पुष्पा दहिया ने विभाग से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए अपने सेवाकाल में सहयोगियों से मिले स्नेह और समर्थन के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि विभाग को जब भी उनकी सेवाओं की जरूरत होगी, वे उपलब्ध रहेंगी। इस मौके पर बॉटनी विभाग के प्राध्यापक प्रो. अनीता सहरावत, डा. सुरेन्द्र यादव, डा. सुंदर सिंह, गैर शिक्षक कर्मी राजेश कुमार, किरण मल्होत्रा, रामनिवास, राम मेहर व कशिश समेत विद्यार्थी मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि प्रो. पुष्पा दहिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग से एमएससी बॉटनी तथा पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की और 1987 में सीएसआईआर जेआरएफ/एसआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 1991 में उन्होंने एमडीयू के बायो-साइंसेज विभाग में बतौर प्राध्यापक अपने शैक्षणिक सफर का आगाज किया। प्रो. पुष्पा दहिया को 1999 में एलर्जी, एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एंड रिलेटेड सब्जेक्ट्स पर उत्कृष्ट कार्य के लिए इंडियन कालेज ऑफ एलर्जी एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी द्वारा प्रतिष्ठित चार्ल्स रिचट प्राइज से नवाजा गया।

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रो. पुष्पा दहिया के शोध पत्र प्रकाशित हुए और उनके शोध कार्यों को सराहा गया। वर्ष 2012 में प्रतिष्ठित नरोसा पब्लिशिंग हाउस दिल्ली द्वारा एनवायरमेंटल साइंस: ए न्यू एप्रोच विषय पर उनके द्वारा लिखी पुस्तक का प्रकाशन किया गया। उन्होंने एमडीयू में डीन, लाइफ साइंसेज, निदेशक सीएमबीटी, निदेशक, महिला अध्ययन केन्द्र, कंवीनर, स्टैंडिंग कमेटी फॉर यूज ऑफ अनफेयर मीन्स, मेंबर, स्टैंडिंग कमेटी ऑन सेक्सुअल हरासमेंट एंड वायलेंस अंगेस्ट वूमैन एट वर्क प्लेस समेत अन्य महत्त्वपूर्ण पदों रहकर अपने दायित्व को बखूबी निभाया। शैक्षणिक एवं शोध कार्य के साथ-साथ सामाजिक उत्थान एवं जागरूकता कार्यक्रमों में भी प्रो. पुष्पा दहिया ने अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।