भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में उत्पादन क्षेत्र की भूमिका अग्रणी होगीः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में उत्पादन क्षेत्र की भूमिका अग्रणी होगी। भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तो बन चुका है, शीघ्र ही तीसरी भी बनने वाला है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई शुक्रवार को अर्थशास्त्र विभाग द्वारा विकसित भारत-2047 : उत्पादन क्षेत्र का योगदान विषय पर आयोजित पैनल चर्चा के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. एनके बिश्नोई ने की। एक्सएलआरआई, नई दिल्ली के चीफ स्ट्रेटजी एंड एचआर हरभजन सिंह, आईएफएसी के बोर्ड मेंबर सीए अतुल गुप्ता, सीईपीएस जेएनयू नई दिल्ली से प्रो. शक्ति सिंह, जनरल मैनेजर पीईएससीओ कमलजीत सिंह जस्सल, इंटरनेशनल पीपीपी एक्सपर्ट डा. राजीव मेहता तथा यस बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेश शर्मा पैनल चर्चा के विशेषज्ञ के रूप में मौजूद रहे।
कुलपति ने कहा कि 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भारत सरकार लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियान इस दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का उत्पादन क्षेत्र नए इनोवेशन और आइडिया के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है तथा राष्ट्र को विकसित बनाने में अपना योगदान दे रहा है।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि अपने उत्पादन क्षेत्र की बदौलत निर्यात क्षेत्र में भी भारत अग्रणी होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने और अधिक व्यापार सहयोगी वातावरण बनाने पर बल दिया।
विभागाध्यक्ष प्रो. एनके बिश्नोई ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि उत्पादन क्षेत्र में हो रही प्रगति के बल पर भारत निश्चित तौर पर 2047 तक दुनिया का एक विकसित राष्ट्र होगा। पैनल चर्चा भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए रोड़ मैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा प्रतिभागियों तथा शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। स्वागत संबोधन सहायक प्रोफेसर गार्गी बूरा ने किया। सहायक प्रोफेसर डा. किरण ने आभार व्यक्त किया।
Girish Saini 


