न्यू नार्मल तभी स्वीकार होगा यदि यह न्यू कम व नार्मल अधिक होगा: यूएसए के डॉ. रवि गोडसे 

न्यू नार्मल तभी स्वीकार होगा यदि यह न्यू कम व नार्मल अधिक होगा: यूएसए के डॉ. रवि गोडसे 

चंडीगढ़: यूएसए के विश्व प्रसिद्ध डॉ रवि गोडसे ने चंडीगढ़ के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर एच के खरबंदा के साथ एक लाइव सेशन में कहा कि भारत की वैक्सीनेशन स्पीड पर संतुष्टि  और इसका यही कारण है कि भारत वर्ष में काफी संख्या में लोग करोना से ग्रस्त हो चुके हैं इसीलिए उन्होंने कहा कि न्यू नॉर्मल एक्सेप्टेबल होगा लेकिन वह न्यू कम हो और नॉर्मल ज्यादा।

उनका कहना था कि कभी तो यह हमें खत्म करना ही है, तो अब कोविड-19 भुलाकर  हम नॉर्मल जीवन व्यतीत करें। हां, जैसे आजकल डेंगू बहुत फैला हुआ है तो इस बात पर उन्होंने कहा कि ठीक है। एहतियात रखें, जब भी कोई बुखार आ जाए तो डॉक्टर से सलाह कर लीजिए और अपने आपको दो-तीन दिन परिवार व समाज से  अलग रख लीजिए, सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट ले लीजिए। इसके अलावा  उन्होंने इस बात पर फोकस किया कि आप अपनी सेहत के बारे में चार्ट बना लीजिए। और यदि आप हाई रिस्क पर नहीं हैं, तो घबराने की कोई बात नहीं है। सिर्फ, अपना बीएमआई 25 से ऊपर हो, हाईबीपी, स्मोकर, डायबिटीज, कैंसर, अस्थमा होने पर आपको बुखार में टेस्ट करा लेना चाहिए।

भारत की वैक्सीनेशन स्पीड पर संतुष्टि जताते हुए उन्होंने सरकार की प्रशंसा की। जिन लोगों ने कहा था तीसरी लहर जरूर आएगी व काफी लोग मरेंगे, हम उन्हें कोसेंगे नहीं। उनकी नियत बुरी नहीं थी बल्कि सिर्फ  हालात बुरे थे।

रवि गोडसे ने कहा की हेल्थ रिसर्च पर ध्यान व् फंड की आवश्यकता है, एक ओर 1997 से मलेरिया का वैक्सीन बनने में इतने साल लग गए दूसरी ओर कोविड की वैक्सीन पुरजोर कोशिश व् आवश्यक फंड की फौरी उपलब्धता की  वजह से दस  महीनों में ही तैयार हो गयी।