नियमित के साथ ही दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों में भी एनईपी-2020 लागू

एमडीयू की 204वीं ए.सी. बैठक में 195 पीएचडी शोधार्थियों के पंजीकरण को मंजूरी।

नियमित के साथ ही दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों में भी एनईपी-2020 लागू

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू की 204वीं एकेडमिक काउंसिल (शैक्षणिक परिषद) की बैठक में लिए गए निर्णय विवि की शैक्षणिक दिशा को नए आयाम देने के साथ ही, शोध और छात्र कल्याण के क्षेत्र में नई संभावनाओं का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। 

 

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ये निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना को मजबूत करेगा। इस दौरान डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक, कुलसचिव डॉ. कृष्ण कांत सहित प्रो. ए.के. राजन, प्रो. गुलशन तनेजा, प्रो. विनीता हुड्डा, प्रो. रणदीप राणा, प्रो. राहुल ऋषि, प्रो. राजीव कुमार, प्रो आशीष दहिया, प्रो. जितेंद्र ढुल, प्रो. सोनिया, प्रो. एस.के. तिवारी और डॉ. के.के. शर्मा मौजूद रहे।  

 

कुलपति ने बताया कि 204वीं एकेडमिक काउंसिल बैठक में 195 पीएचडी शोधार्थियों के पंजीकरण को मंजूरी दी गई। विभिन्न विभागों में ये शोधार्थी विविध विषयों पर काम करेंगे, जिससे विवि के शोध कार्यों में नई ऊर्जा आएगी।

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कई संकायों और कार्यक्रमों में लागू करने का निर्णय लिया गया। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की नई परीक्षा योजनाओं को मंजूरी दी गई। साथ ही इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संकाय तथा दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रमों में भी नई प्रणाली लागू होगी।

बैठक में शैक्षणिक सहयोग और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए छह एमओयू (समझौता ज्ञापनों) पर सहमति बनी, जिनमें रुहिल फ्यूचर टेक्नोलॉजीज प्रा. लि. के साथ नवाचार और उद्यमिता, सीएसआर बॉक्स फाउंडेशन के साथ रोजगारोन्मुख कौशल, नास्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल्स काउंसिल के साथ उभरती तकनीकों में प्रशिक्षण, क्लासिक गोल्फ एंड कंट्री क्लब के साथ होटल-पर्यटन प्रबंधन, और भारत सरकार के अप्रेंटिसशिप एवं ट्रेनिंग बोर्ड के साथ सहयोग शामिल हैं।

शैक्षणिक परिषद की बैठक में स्नातक छात्रों के लिए इंटर्नशिप को संरचित करने के लिए एमडीयूआर इंटर्नशिप विनियम 2025 को मंजूरी दी गई। यूजीसी ढांचे पर आधारित यह विनियम छात्रों को अनुसंधान आधारित प्रशिक्षण प्रदान करेगा। बैठक में भारतीय ज्ञान  परंपरा (आईकेएस) केंद्र की स्थापना पर भी सहमति दी गई, जिसका उद्देश्य विभिन्न विषयों में आईकेएस से जुड़े पाठ्यक्रमों का विकास और निगरानी करना होगा।

 

इसके अलावा ए.सी. बैठक के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में रिसर्च चेयर के शैक्षणिक और शोध कार्यों को और सुदृढ़ करना, हरियाणा सरकार की केजी टू पीजी योजना के तहत कैंपस स्कूल के छात्रों के लिए विवि के स्नातक कार्यक्रमों में 2 अतिरिक्त सीटों का प्रावधान, विवि अनुसंधान छात्रवृत्ति (यूआरएस) के दिशानिर्देशों की समीक्षा कर नए नियम लागू, "गणितीय और कम्प्यूटेशनल विज्ञान संकाय" की स्थापना, पाठ्यक्रम एवं डिजाइन विकास केंद्र की सिफारिश पर रचनात्मक मूल्यांकन प्रणाली को मंजूरी, कॉलेज शिक्षकों के पदोन्नति मामलों पर साल में दो बार विचार करना, 2024-25 से लागू होने वाले पीएचडी अध्यादेश को स्वीकृति, डी.लिट, डी.एससी, पोस्ट डॉक्टोरल फेलो, शिक्षक फेलो और शिक्षण सहयोगियों की सैद्धांतिक मंजूरी शामिल हैं।