छात्रों और शिक्षकों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण योगदानः विधायक मुकेश शर्मा
विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने में एनईपी 2020 का अहम रोलः प्रो. पवन शर्मा

रोहतक, गिरीश सैनी। एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों और अकादमिक लीडर्स, आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने के उदेश्य से गुरुग्राम विवि में एक दिवसीय परामर्श सम्मेलन आयोजित किया गया। “राष्ट्रीय शिक्षा नीति: 2020 भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और आपके सुझाव” विषयक इस सम्मेलन में फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, पलवल व नूंह के विवि, कॉलेजों व स्कूलों के प्राचार्यों, विद्यार्थियों, शिक्षकों व अकादमिक लीडर्स ने भाग लिया। वक्ताओं ने अपने-अपने संस्थानों में लागू की गई एनईपी-2020 के विभिन्न बिंदुओं के बारे में बताया और अपने सुझाव दिए।
इस सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो. डीपी भारद्वाज, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, हरियाणा डॉ. जीतेन्द्र दहिया, गुरूग्राम विधायक मुकेश शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल यादव विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे। हरियाणा केंद्रीय विवि के निदेशक आईक्यूएसी प्रो. पवन शर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। इस दौरान जीयू के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।
मुख्य वक्ता प्रो. पवन शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में हरियाणा अग्रणी राज्य रहा है। उन्होंने एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार के परामर्श सम्मेलन अभियान की सराहना करते हुए कहा कि एनईपी 2020 देश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के सपने को पूरा करने में एनईपी 2020 का अहम रोल है। प्रो. डीपी भारद्वाज ने कहा कि एनईपी 2020 सीखने के परिदृश्य को बदलने, देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करने, आबादी को सशक्त बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की आशा का प्रतीक है। विधायक मुकेश शर्मा ने छात्रों और शिक्षकों के बीच भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अहम बताया। इस दौरान स्वामी विवेकानंद जयंती भी मनाई गई।