ड्यूटी के बाद कानूनगो राकेश अग्रवाल रात को सामाजिक दायित्व निभाने अस्पताल पहुंचे, खूनदान करके बचाई एक महिला की जान

सिर्फ पांच ग्राम खून बचा था अनीमिया और अर्थराइटिस से पीड़ित महिला में, कानूनगो तुरंत सामाजिक दायित्व पूरा करने अस्पताल पहुंचे

ड्यूटी के बाद कानूनगो राकेश अग्रवाल रात को सामाजिक दायित्व निभाने अस्पताल पहुंचे, खूनदान करके बचाई एक महिला की जान

फिरोजपुर: कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहे मुलाजिम और अधिकारी अपने सामाजिक दायित्व के निर्वाह में भी सबसे आगे हैं। शनिवार शाम को श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन पर ड्यूटी पूरी करने के बाद कानूनगो राकेश अग्रवाल मिशन अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार एक महिला की जान बचाने के लिए पहुंच गए और इमरजेंसी के वक्त खूनदान करके गरीब परिवार की मदद की।

कानूनगो राकेश अग्रवाल ने बताया कि उन्हें अस्पताल से रात को एक इमरजेंसी कॉल आई और उन्हें बताया गया कि अनीमिया और अर्थराइटिस से पीड़ित एक महिला को खून की तत्काल जरूरत है। जिसके बाद वह कैंट रेलवे स्टेशन से सीधा अस्पताल पहुंचे और खूनदान किया। उन्होंने बताया कि महिला अमरजीत कौर छह बच्चों की मां है और गरीब परिवार से संबंधित है। उसकी पांच लड़कियां हैं और उसका पति भी मजदूरी करता है। उसके शरीर में सिर्फ पांच ग्राम खून बचा था और उसे इलाज के लिए खून की जरूरत थी। चूंकि वह अकसर खूनदान करते रहते हैं तो अस्पताल के पास उनका नंबर था। अस्पताल ने उन्हें फोन करके महिला की स्थिति के बारे में बताया, जिसके बाद वह स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल अस्पताल पहुंचे।

कानूनगो राकेश अग्रवाल ने बताया कि यह उनका दसवां खूनदान था। मगर उन्हें काफी खुशी महसूस हुई क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी के बीच वह अपनी ड्यूटी के अलावा समाज के लिए भी कुछ अलग से कर पाए हैं। कानूनगो राकेश अग्रवाल इन दिनों श्रमिक एक्सप्रैस ट्रेनों के संचालन को लेकर ड्यूटी कर रहे हैं और इससे पहले वह एसबीएस कॉलेज में दूसरे राज्यों से आए लोगों के लिए स्थापित किए गए क्वारनटाईन सेंटर्स में भी ड्यूटी कर चुके हैं।