समाचार विश्लेषण/गुलाम नबी आज़ाद तोल रहे पर 

समाचार विश्लेषण/गुलाम नबी आज़ाद तोल रहे पर 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
क्या वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद अपने पर तोल रहे हैं और ऐसा कहा जा रहा है कि वे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरह अलग से पार्टी बना सकते हैं । वैसे गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस हाईकमान की सिरदर्द बढ़ाने के लिए जी-23 समूह बना रखा है जो कांग्रेस के स्थायी अध्यक्ष की मांग करता आ रहा है । इस समूह के सदस्य कभी कपिल सिब्बल तो कभी मनीष तिवारी कांग्रेस हाईकमान से कोई न कोई कठिन सवाल पूछने आगे आ जाते हैं । कपिल सिब्बल तो वकील ठहरे और उसी अंदाज में जी 23 की पैरवी करते हैं जबकि मनीष तिवारी ने अपनी पुस्तक में मुम्बई के ताज होटल पर आतंकी हमले को लेकर की गयी उस समय की कार्यवाही की आलोचना की है । 
वैसे गुलाम नबी आजाद अपने आपको चौबीस कैरेट कांग्रेसी बताते नहीं थकते लेकिन जम्मू में ही केसरिया पगड़ियां पहन कर कांग्रेस हाईकमान को क्या संदेश देने की कोशिश की थी ? हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी  सहित अनेक पदों पर आसीन रहे गुलाम नबी आज़ाद अब और क्या चाहते हैं कांग्रेस से ? हर बार जब जब अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव आते हैं जी 23 समूह के नेता कुछ ऐसा करते हैं जिससे कि कांग्रेस की छवि धूमिल हो जाती है और इसका फायदा भाजपा को मिल जाता है । क्या किसी गुप्त एजेंडे पर काम तो नहीं कर रहे गुलाम नबी आज़ाद? वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ाद का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा होने पर विदाई के समय कहा था कि आपका अनुभव बेकार नहीं जायेगा । सो तब से गुलाम नबी आज़ाद को नये काम पर लगा दिया गया है । पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह तो उत्तराखंड में हरीश रावत और अब जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद क्या गुल खिलाने वाले हैं ? हरीश रावत को मनाने की कोशिश तो हाईकमान ने की है लेकिन मुख्य मंत्री का चेहरा नहीं बनाया जायेगा । यह समझौता हुआ है । पंजाब में तो चुनाव से ऐन पहले कैप्टन अमरेंद्र सिंह को बड़े बेआबरू करके बाहर कर दिया गया तो जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी लगभग विद्रोह करने वाले हैं । कांग्रेस का गठन दिवस मनाया गया और सोनिया गांधी ने गंगा यमुनी संस्कृति से देश को दूर किये जाने पर दुख जताया लेकिन सोनिया गांधी को वरिष्ठ व युवा नेताओं को सुनने की जरूरत है जिससे गिले शिकवे दूर हो सकें और कांग्रेस अपनी संस्कृति को प्राप्त कर सके ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।