समाचार विश्लेषण/जिम्मी शेरगिल यह कैसा उदाहरण?

समाचार विश्लेषण/जिम्मी शेरगिल यह कैसा उदाहरण?
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
याद है आपको एक्टर जिम्मी शेरगिल ? अरे ,,,रे माचिस में पहली बार देखा होगा । चंद्रचूड़ के साथ । फिर अनेक हिंदी पंजाबी फ़िल्मों में फिरोज खान की तरह महत्त्वपूर्ण सहायक भूमिकाओं में । अब यूअर ऑनर पार्टी टू वैब सीरीज की शूटिंग पंजाब के लुधियाना में करते समय भीड़ इकट्ठी करने के आरोप में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है । कोरोना के प्रोटोकाॅल के तहत बेशक शूटिंग की इजाजत ले रखी थी लेकिन इंस्पेक्टर मंजीत कौर का कहना है कि भीड़ इकट्ठी करने से नहीं रुके और कैसे दर्ज कर लिया गया । अभी तक गिरफ्तार तो नहीं कर पाये । जाहिर है अग्रिम जमानत की कोशिश होगी । इसके बावजूद क्या जिम्मी को कोरोना की कोई चिंता नहीं थी ? एक्टर होने के चलते क्या इतनी लापरवाही की छूट ले सकते थे ? नहीं । इनके तीन साथी तो गिरफ्तार भी कर लिये गये हैं जो शूटिंग में सहयोग कर रहे थे । मुम्बई में फ़िल्मों की शूटिंग लगभग ठप्प हो चुकी है । पटरी पर आते आते फिल्मनगरी फिर से पटरी से उतर गयी । संजय राहत कह रहे हैं कि मुम्बई की अर्थ व्यवस्था खराब होती जा रही है। हमारे हिसार के एक्टर यशपाल शर्मा की फिल्म दादा लखमीचंद की रिलीज अटकी पड़ी है । हालांकि बिना रिलीज के अनेक फिल्म समारोहों में पुरस्कार पा रही है।  
एक सोनू सूद अभिनेता है जिसे चिंता है कोरोना के मारे लोगों की । जिनके लिए वह दिन रात फोन काॅल्ज सुन कर कार्यवाही कर रहा है और एक है हमारा जिम्मी शेरगिल जो भीड़ इकट्ठी कर प्रशासन की सिरदर्दी बढ़ा रहा है।  फर्क है न ? सोनू सूद और जिम्मी शेरगिल में ।
एक विदेशी खिलाड़ी हैं जो कोरोना की आपदा के लिए पचास पचास हज़ार डाॅलर दे रहे हैं और कह रहे हैं कि कमाल का देश है इंडिया जहां इतनी बड़ी महामारी फैली है और कंपनियों को आईपीएल करवाने से फुर्सत नहीं । कमाल की चिंता । पिछले वर्षों में पानी की कमी का मुद्दा भी उठता रहा । यह आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी की चिंता है और हमारे खिलाड़ियों की चिंता आपसे छिपी नहीं । बार बार क्या गुणगान करूं अपने लोगों का । 
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते कोर्ट भी चिंतित दिखाई दे रही है जो पूछ रही है कि आखिर यह तो बताइए सरकार कि आपकी तैयारी क्या थी ? वेक्सीनेशन की , अस्पताल की , ऑक्सीजन की या फिर रोज़गार की ? कोई जानकारी तो दीजिए । बस । आत्मनिर्भर बना कर छोड़ दिये । पिछली बार लाॅकडाउन लगाने की जल्दी की । मजदूर भागते भागते जान गंवा बैठे।  इस बार कोई जल्दी नहीं । बैठकों पर बैठकें । अलर्ट पर अलर्ट । पर परिणाम ? प्रियंका गांधी पर तंज किया सोशल मीडिया पर कि अब ऑक्सीजन पहुंचाओ और यूपी में पहुंचा दी ।  कोई बड़ी बात नहीं लेकिन यह समय कांग्रेस हो या कोई भी पार्टी समाजसेवा का समय है।  किसी आलोचना या एक दूसरे को नीचा दिखाने का समय नहीं । सब एकजुट होकर जनसेवा में लग जाओ । क्या है , क्या नहीं , छोड़ो  इस बहस को , आप क्या कर सकते हो , वह करो । बस । इतना ही काफी है । 
बाकी आईपीएल में अनुभवी धोनी की टीम सबको धो रही है बारी बारी।  मज़ा लीजाए । कमेंट्रेटर्ज का कहना है कि हम आपकी शाम के दो घंटे एंटरटेनमेंट देने आते हैं । जहां हैं वहीं सुरक्षित रहिए ।