रागिनी गाने का शौक है डायरेक्टर एचएसबी होने के बावजूद: प्रो कर्मपाल नरवाल 

रागिनी गाने का शौक है डायरेक्टर एचएसबी होने के बावजूद: प्रो कर्मपाल नरवाल 
प्रो कर्मपाल नरवाल।

-कमलेश भारतीय 
गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के वरिष्ठ प्रोफ़ेसर व वर्तमान में एचएसबी के डायरेक्टर होने के बावजूद मुझे बचपन से ही रागिनी गाने का शौक है । और जहां तक मेरे कार्यस्थल पर सफलता की बात है तो इतना ही कहना चाहूंगा कि मैं सदैव टीम वर्क को ही सारा श्रेय देता हूं । बिना टीम वर्क के कोई नियमित तौर पर सफलता नहीं मिल सकती । यह कहना है गुजवि के एचएसबी के डायरेक्टर प्रो कर्मपाल नरवाल का । कर्मपाल मूलरूप से गोहाना के निकट गांव बनवासा के निवासी हैं और आठवीं तक वहीं शिक्षा प्राप्त की ।फिर मैट्रिक बरोदा में । इसके बाद एमडीयू के यूनिवर्सिटी काॅलेज से बी काॅम प्रथम श्रेणी में । इसी यूनिवर्सिटी से एम काॅम प्रथम श्रेणी में और प्रो सुखबीर  सिंह चहल के निर्देशन में पीएचडी 1995 में की । कम्प्यूटर ऍप्लिकेशन में स्तानकोतर डिप्लोमा भी किया ।

-स्कूल काॅलेज में क्या शौक ?
-राष्ट्रीय स्तर के आर्थिक व सामाजिक विषयों पर भाषण प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेता रहा ।
-पहली जाॅब कहां ?
-रोहतक के ऑल इंडिया हीरोज मेमोरियल काॅलेज में काॅमर्स लेक्चरर दो साल रहा ।
-आगे ?
-चरखी दादरी के एमबीए काॅलेज में एसिस्टेंट प्रोफेसर लगभग डेढ़ साल । 
-गुजवि में कब से ?
-अक्तूबर , सन् 1996 में एसिस्टेंट प्रोफेसर और फिर अब तक दो दर्जन के करीब अनेक पदों पर कार्य किया । इन दिनों 2019 से डायरेक्टर हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, तीन साल लॉ फैकल्टी का डीन भी रहा और चार साल से अधिक समय यूनिवर्सिटी का प्रोक्टर व नैक की आईकयुऐसी का डायरेक्टर भी ।
-लगभग पच्चीस साल में क्या विशेष बात देखी गुजवि में ?
-विभिन्नता और विविधता । जब यहां ज्वाइन किया था तब 77 टीचर्स में से 22 अन्य राज्यों से थे और यह बहुत खूबसूरत बात थी । यही महत्वपूर्ण कारण है कि यहाँ शैक्षणिक और शोध कार्य का बेहतर माहौल है ।
-क्या क्या नयी चीज़ें आपने यहां शुरू कीं ?
-बजट मंथन सन् 2007 से चल रहा है क्योंकि आम आदमी इस बिज़नेस स्कूल से उम्मीद करता है कि आर्थिक पहलुओं पर जानकारी दी जाये । छात्रों को भी इसके माध्यम से जानकारी मिल सके । 2007 से ही स्टाॅक ट्रेडिंग ऑफ कम्पीटिशन जिस से नौकरी का स्वर्ण अवसर मिलता है छात्रों को । 2013 में गुजवि विचार वाटिका भी शुरू की जिसे आजकल 9000 से अधिक सदस्य हैं व इसे आजकल प्रो दलबीर देखते हैं । 
-सबसे बड़ी खुशी क्या?
-जब गुजवि को ए ग्रेड मिला । उन दिनों मैं यूनिवर्सिटी प्रोक्टर व डायरेक्टर आईकयुऐसी था । 
-पत्नी और परिवार?
-डाॅ सुजाता नरवाल जो बरवाला के गवर्नमेंट स्कूल में प्रिंसिपल हैं । एक बेटा तुषार जो बी टैक कर चुका है और आजकल एमबीए कर रहा है । इसी यूनिवर्सिटी से । बेटी अभी मैडिकल शिक्षा की ओर आकर्षित हो रही है।
-लिखने पढ़ने और शोध के अलावा क्या क्या शौक हैं ?
-बचपन से ही रागिनी गाने का शौक है, भाषण देने का और पर्वतारोहण का भी । 
-कोई पुरस्कार?
-हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से शिक्षा व आर्थिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र । 
-अपने काम और विभाग की सफलता का श्रेय किसे देंगे ?
-पूर्णतः टीम वर्क को । टीम वर्क के बिना नियमित तौर पर सफलता नहीं मिल सकती ।  
हमारी शुभकामनाएं प्रो कर्मपाल नरवाल को ।