पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की सद्भाव यात्रा पहुंची महम विधानसभा, महम क्षेत्र से जुड़ाव का किया जिक्र
पूर्व सांसद बोलेः संत नहीं हैं हम, राजनीति में हैं।
रोहतक, गिरीश सैनी। पूर्व सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह की सद्भाव यात्रा बुधवार को महम विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश कर गई। बहुजमालपुर गांव स्थित अठगामा पंचायत भवन में यात्रा के मीडिया प्रभारी एडवोकेट अमित काजल ने स्वागत किया। इसके बाद यात्रा बहुअकबरपुर, मोखरा और खरकड़ा गांव में पहुंची। वीरवार को यात्रा महम चौबीसी चबूतरा, खेड़ी महम, निंदाना, बैंसी व लाखनमाजरा जाएगी। 5 व 6 दिसंबर को यात्रा के अवकाश उपरांत ये अगले विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करेगी।
यात्रा के दौरान पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने महम क्षेत्र से अपने जुड़ाव का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि उनकी दादालाही (पैतृक) जमीन बहुअकबरपुर गांव के साथ ही है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले जब सद्भाव यात्रा ने रोहतक जिला में प्रवेश किया तो किसान मसीहा छोटूराम का वशंज होने के नाते अपनापन महसूस हुआ। उन्होंने कहा कि सद्भाव का सही मायने में प्रतीक छोटूराम ही थे। मौजूदा समय में जातियों के हिसाब से राजनीति भुनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन चौ. छोटूराम ने उस जमाने में भाईचारे और सद्भाव का संदेश दिया।
एक बार फिर बीजेपी को निशाने पर लेते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बीजेपी का मुकाबला कर सकती है। इसके अलावा बाकी पार्टियों के जो नेता दिखावा कर रहे हैं, वह कहीं न कहीं बीजेपी के हाथों की कठपुतली हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है। मौजूदा सरकार ने बेरोजगारी को दूर करने के लिए किसी प्रकार प्रयास नहीं किया। बिना पर्ची, बिना खर्ची के नाम पर नौकरी सिर्फ दिखावा है। उन्होंने लाखनमाजरा व बहादुरगढ़ में बास्केटबॉल के 2 खिलाडि़यों की मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार का खेल व शिक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं है।
पूर्व सांसद ने कहा कि सद्भाव यात्रा शुरू करने का यही सही समय था। हालांकि यात्रा शुरू करने के दौरान यह बात उठी कि क्या यह सही समय है यात्रा का। लेकिन अगर चुनाव से पहले इस तरह की यात्रा शुरू करते तो कुछ हासिल नहीं होता। यह वोट बटोरने व राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि की यात्रा नहीं है। इस यात्रा का मकसद किसी प्रकार का पद हासिल करना नहीं है। हालांकि इसका मतलब यह भी नहीं है कि कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, वह भी है। उन्होंने कहा कि संत नहीं हैं हम। राजनीति में हैं, राजनीतिक दल में हैं लेकिन हर चीज का समय होता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की समाज को बांटने की राजनीति का पर्दाफाश करने और समाज में सद्भाव व भाईचारा बनाए रखने के लिए यह यात्रा शुरू की गई है। उन्होंने स्वीकारा कि वर्ष 2024 के दौरान कांग्रेस पार्टी का संगठन न होने के कारण ही विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। संगठन के नाम पर सिर्फ नेता और उनके समर्थक ही थे। विधानसभा चुनाव के दौरान जिन नेताओं को टिकट नहीं मिली या तो वे घर बैठ गए या फिर पार्टी प्रत्याशी का विरोध किया। जबकि कुछ नेताओं ने तो चुनाव भी लड़ा, जिसका नुकसान पार्टी प्रत्याशियों को हुआ। इस दौरान किसान नेता राजू मान, एडवोकेट अमित काजल, अजीत सिंह, अनूप शौकीन, जलकरण बलहारा, चरखी दादरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील धानक सहित अन्य मौजूद रहे।
Girish Saini 


