पूर्व सीएम हुड्डा खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लेने

पोर्टल का झंझट खत्म कर पीड़ितों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की।

पूर्व सीएम हुड्डा खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लेने

रोहतक, गिरीश सैनी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को लगातार दूसरे दिन बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर जनता की समस्याएं सुनीं और इस आपदा के समाधान के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर निर्देश दिए। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी के चलते बाढ़ व जलभराव की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। लोगों को तुरंत मदद और मुआवजे की आवश्यकता है, लेकिन नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवाने की बजाए एक बार फिर सरकार ने लोगों को पोर्टल के हवाले कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले कई साल से सरकार मुआवजा देने की बजाए पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। इस व्यवस्था के चलते किसी भी आपदा से पीड़ित 90 प्रतिशत लोगों को मुआवजा ही नहीं मिल पाता। जो इक्का-दुक्का किसानों को मिलता है, उसमें भी कई-कई महीने लग जाते हैं। इसीलिए कांग्रेस और तमाम पीड़ितों की मांग है कि पोर्टल के झंझट छोड़कर सीधे किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाए।

रविवार को हुड्डा खुद किसानों के साथ ट्रैक्टर चलाकर महम और कलानौर हल्के के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि खेतों में खड़ी पूरी फसल तो बर्बाद हुई ही है और जलभराव को देखते हुए, आने वाली फसल की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही, इसलिए किसानों को कम से कम 60-70 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही सरकार को लोगों के मकानों, दुकानों व अन्य इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी मुआवजा देना चाहिए। केंद्र सरकार को भी बाढ़ प्रभावित हरियाणा, पंजाब, हिमाचल जैसे राज्यों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए।

पूर्व सीएम ने बताया कि जब 1995 में ऐसी ही बाढ़ आई थी तो वो खुद तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री बलराम जाखड़ को हरियाणा लेकर आए थे। उस समय कांग्रेस सरकार ने किसानों को फसलों के साथ खेत के कोठड़े, ट्यूबवैल, तमाम मकानों और दुकानों समेत प्रत्येक नुकसान का मुआवजा दिया था। लेकिन मौजूदा सरकार पराली जलाने का केस तो सैटेलाइट इमेज देखकर दर्ज कर देती है और जब मुआवजा देने की बारी आती है तो किसानों को पोर्टल के हवाले कर दिया जाता है। बीजेपी ने पोर्टल को अपनी जिम्मेदारी से भागने और मुआवजे में देरी का जरिया बना लिया है। ऐसा ही पिछले दिनों खाद की मारामारी देखते हुए व खाद की कमी को छुपाने के लिए अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए किसानों को भी पोर्टल के हवाले कर दिया था।

हुड्डा ने बताया कि बीजेपी सरकार ने न वक्त रहते नहरों की सफाई की गई और न ही शहरों में सीवरेज की, न ही तटबंधों को मजबूत किया गया और न ही जल निकासी के लिए कोई रास्ता बनाया गया। यही वजह है कि बारिश शुरू होते ही गली, सड़कें, गांव, शहर और खेत, सब तालाब में तब्दील हो गए। यानी ये बाढ़ सिर्फ प्रकृति की मार नहीं है, बल्कि इसके लिए बीजेपी सरकार का नकारापन भी जिम्मेदार है। उन्होंने एक दूसरे की मदद करने के लिए हरियाणा और पंजाब के लोगों के जज्बे को सलाम किया।