एमडीयू में साल भर नाटक व कार्यशाला आयोजित होंगे: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

विश्व रंगमंच दिवस पर रंगकर्मियों को देवेंद्र त्रिखा बेस्ट प्रमोटर अवार्ड से सम्मानित किया। 

एमडीयू में साल भर नाटक व कार्यशाला आयोजित होंगे: कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय हीपा व शहर की अन्य संस्थाओं के सहयोग से महीने में कम से कम दो बार नाटकों का मंचन करवाएगा ताकि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी मानवीय क्षमताओं को निखारने के मौका मिले और वे बेहतर नागरिक के रूप में विकसित हो सकें। यह बात एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर आठ राज्यों के चुनिंदा आठ रंगकर्मियों को देवेन्द्र त्रिखा बेस्ट थियेटर प्रमोटर अवार्ड प्रदान करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इसके अलावा साल में दो बार नाटक कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा। प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि रंगमंच और दूसरी कलात्मक विधाएं अनौपचारिक शिक्षा के प्रभावी साधन हैं, जो बच्चों को संवेदनशील और सशक्त बनाते हैं। कार्यक्रम का आयोजन राधाकृष्ण सभागार में छात्र कल्याण विभाग और स्थानीय संस्था हीपा ने मिलकर किया था।
कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने जम्मू के पद्मश्री बलवंत ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के रजित सिंह कंवर, उत्तराखंड के इदरीस मालिक, पंजाब के जतिंदर बरार, चंडीगढ़ से बनिंदर सिंह बन्नी, हरियाणा के महेश वशिष्ठ, दिल्ली से सुनील चौहान और राजस्थान के अशोक राही को देवेन्द्र त्रिखा बेस्ट थियेटर प्रोमोटर अवार्ड के रूप में रुपए 11,000/ का चेक, एक शॉल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया। इस मौके पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. जगबीर राठी, पं. कैलाश वर्मा, अर्जुन वशिष्ठ, गुलशन शर्मा,, हीपा के ट्रस्टी, शहर के कलाकार और स्व. देवेन्द्र त्रिखा के परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत और सरस्वती वंदना से हुई। तत्पश्चात विश्वदीपक त्रिखा और प्रो हरीश कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर हीपा के कलाकारों ने ताल और सुरों की बेहतरीन बानगी प्रस्तुत की। पहले मशहूर नगाड़ा वादक सुभाष नगाड़ा और उनके शिष्यों ने ताल कचहरी के रूप में हरियाणवीं वाद्य यंत्रों की सुंदर प्रस्तुति दी। इसके बाद लोकगायक गुलाब सिंह ने रागनी और विकास रोहिल्ला व डॉ. सौरभ वर्मा ने पंजाबी, हरियाणवीं तथा हिंदी गीत प्रस्तुत किए। मशहूर पंजाबी गायक शमिंदर शम्मी ने अपने गीतों से खूब वाहवाही लूटी। मंच संचालन अविनाश सैनी और डॉ. जगबीर राठी ने किया। 
हीपा के अध्यक्ष विश्व दीपक त्रिखा ने कहा कि रंगमंच की दयनीय दशा को देखते हुए हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (हीपा) रोहतक ने अपने ट्रस्टी देवेन्द्र त्रिखा की याद में गत वर्ष इस अवार्ड की स्थापना की थी। यह अवार्ड हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और राजस्थान सहित आठ राज्यों के उन 8 विशिष्ठ नाट्यकर्मियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने अपने राज्य में रंगमंच के प्रोत्साहन हेतु उल्लेखनीय कार्य किया है।