उपायुक्त सचिन गुप्ता ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के दृष्टिगत जिला एकीकृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए

किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए करेंगे प्रोत्साहित।

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के दृष्टिगत जिला एकीकृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके। विभाग इसके लिए अधिकारी जिला एकीकृत कार्य योजना तैयार करें।


उपायुक्त सचिन गुप्ता ने मत्स्य विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, उद्यान विभाग, वन विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि वे किसानों को मत्स्य पालन व्यवसाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। विभाग द्वारा जिला के वाटर टेबल क्षेत्र के अनुसार विशेष कार्य योजना तैयार की जाये। उन्होंने कहा कि किसानों को गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराया जाये तथा पानी की भी नियमित अंतराल पर जांच करवाई जाये ताकि किसानों को अच्छा उत्पादन प्राप्त हो।

 

उपायुक्त ने शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि नागरिकों को गुणवत्ता का शहद मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सभी श्रेणी के आवेदकों को मधुमक्खी बॉक्स (बी बॉक्स) एवं मधुमक्खी कॉलोनी (बी कॉलोनी) पर 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। मधुमक्खी पालकों को शहर का मार्केट में उचित भाव न मिलने के कारण नुकसान से बचाने व जोखिम खत्म करने के लिए सरकार द्वारा शहद को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया है।

 

उपायुक्त ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि विभाग द्वारा गांव स्तर पर जिला के सभी पशुओं के स्वास्थ्य की जांच करवाई जाये। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को इन शिविरों की जानकारी दी जाये ताकि हर पशुपालक अपने किसानों के स्वास्थ्य की जांच करवा सके। उन्होंने विभाग की तीन मोबाइल वैन को भी पशुओं के स्वास्थ्य की जांच में लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा चलाये जा रहे टीकाकरण के तहत सभी पशुओं का टीकाकरण करवाया जाये। अब तक जिला में 76 प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण करवाया जा चुका है।

 

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की भूमि संरक्षण शाखा के अधिकारी को निर्देश दिए कि वे महम खंड के भैणी सुरजन एवं भैणी महाराजपुर में भूमिगत जल स्तर को कम करने के लिए  वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम शुरू करे। उन्होंने कहा कि गांव मायना, रिठाल नरवाल, किलोई खास व दोपाना, आसन, मोर खेड़ी, अटायल, समचाना व अजायब में वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम शुरू करने के लिए टेंडर जारी किया गया है तथा अगले वर्ष गेहूं की कटाई के उपरांत इस कार्य को शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा विभाग द्वारा कलानौर नगरपालिका क्षेत्र में भी सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। जिला भूमि संरक्षण अधिकारी नीना सहवाग ने बताया कि जिला में इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत चिड़ी गांव से की गई थी। इसके अलावा चिड़ी, खरक जाटान, नांदल, बसंतपुर, बालंद, बखेता, घिलौड़ कलां, धामड़ व बहु अकबरपुर में भी प्रोजेक्ट शुरू किया जा चुका है।


उपायुक्त ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करें तथा यह सुनिश्चित करें कि वृक्षारोपण अभियान के दौरान लगाये गए सभी पौधे जीवित रहे। इसके अलावा विभाग द्वारा जिला की सडक़ों की सेंट्रल व्रज पर भी पौधारोपण करवाया जाये और वैज्ञानिक तरीके से पेड़ पौधों की नियमित अंतराल पर कटाई-छंटाई सुनिश्चित की जाये। 


उपायुक्त ने आबकारी विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिला में आबकारी नीति की सख्ती से पालना की जाये। उन्होंने उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (आबकारी) के साथ मौजूदा वित्त वर्ष में प्राप्त राजस्व बारे जानकारी हासिल की। बैठक में जिला मत्स्य अधिकारी आशा हुड्डा अहलावत, जिला उद्यान अधिकारी डॉ. मदन लाल, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी नीना सहवाग, वन विभाग के रेंजर सुभाष चंद्र, पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ. नरेंद्र दहिया, कृषि विभाग के एसडीओ संदीप सिंह, उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (आबकारी) संदीप दहिया एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।