उपायुक्त सचिन गुप्ता ने किया पराली न जलाने का आह्वान

फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत 1200 रुपए प्रति एकड़ सहायता राशि।

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने किया पराली न जलाने का आह्वान

रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने बताया कि जिला में लगभग 80 प्रतिशत धान की फसल की कटाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि धान की कटाई के उपरांत जाने-अनजाने फसल अवशेषों को आग लगाने से भूमि के स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है तथा आमजन को सांस संबंधित गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आह्वान किया कि फसल काटने के उपरांत फसल अवशेषों को आग न लगाये। फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर किसान फसल अवशेष प्रबंधन योजना का लाभ उठाये।  फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के विरुद्ध तीन तरह की कार्रवाई की जाती है।

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने बताया कि सरकार की हिदायतों के अनुसार यदि कोई किसान फसल अवशेषों में आग लगाता हैं तो उस पर तीन तरह की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी, जिसमें एफआईआर दर्ज करवाना, 5 हजार से 30 हजार रुपये तक का जुर्माना व मेरी फसल मेरा ब्यौरा में रेड एन्ट्री करने का प्रावधान हैं।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों के साथ फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर बैठक की। उपायुक्त सचिन गुप्ता ने रोहतक जिला की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिला में गत 11 नवंबर तक हरसैक द्वारा 19 आगजनी की घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई थी, जिनमें से तीन आगजनी के मामले सही पाये गए। हरियाणा सरकार की हिदायतों अनुसार कार्रवाई करते हुए ग्राम स्तरीय पराली प्रोटेक्शन फोर्स के सदस्यों ने एक मामले में एफआईआर दर्ज करवा दी है, जबकि अन्य दो मामलों की एफआईआर लंबित है। इसके अलावा दो मामलों में पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है तथा एक जुर्माना लंबित है एवं एक मामले में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री दर्ज कर दी गई है, जबकि दो मामलों में रेड एंट्री करना लंबित है।

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि इसके अतिरिक्त निगरानी करते समय दो मामले आगजनी के पाये गए, जिन पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों मामलों के दोषी किसानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाकर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है तथा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री भी कर दी गई है। उन्होंने सभी ग्राम स्तरीय टीमों को 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए।

उप कृषि निदेशक डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि धान की फसल की कटाई के उपरांत पराली में आग न लगाकर पराली को खेत में मिलाएगा या उसे चारे के रूप में प्रयोग करेगा या बेल बनाने पर राज्य सरकार द्वारा उस किसान को 1200 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।