ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में डेटा साइंस तथा सांख्यिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगाः कुलपति प्रो राजबीर सिंह

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में डेटा साइंस तथा सांख्यिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगाः कुलपति प्रो राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी । डेटा साइंस समेत विज्ञान एवं उच्चतर शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में सांख्यिकी के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए रविवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में ’’स्टैटिसटिक्स,  डेटा साइंस एंड रिलायबिलिटी एक्सप्लोरिंग ट्रेंड्स, मैथेड्स एंड एप्लीकेशन्स’’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

मदवि का सांख्यिकी विभाग इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन इंडियन एसोसिएशन फॉर रिलायबिलिटी एंड स्टैटिसटिक्स के संयुक्त तत्वावधान में कर रहा है।

कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि संबोधन में कहा कि आज के युग में डेटा बहुमूल्य है। भविष्य में डेटा साइंस के बढ़ते महत्व को इंगित करते हुए कुलपति प्रो राजबीर सिंह ने कहा कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में डेटा साइंस तथा सांख्यिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को उद्धृत करते हुए कुलपति ने कहा कि गणितीय समीकरण का सही अर्थ तब सार्थक होगा जब उसमें परमात्मा की परोपकारी सोच समाहित हो। कुलपति ने कहा कि इस संगोष्ठी में शामिल सांख्यिकी विशेषज्ञों को अपने ज्ञान का उपयोग मानव कल्याणकारी प्रयोजनों में करने का संकल्प करना होगा।

उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता यूएसए से आए प्रतिष्ठित विद्वान प्रो सत एन गुप्ता ने कहा कि डेटा साइंस के मूल में सांख्यिकी है। सांख्यिकीविदों को अपने ज्ञान का उपयोग डेटा साइंस को सुदृढ करने में करना होगा।

सांख्यिकी विभागाध्यक्ष तथा संगोष्ठी संयोजक प्रो एस सी मलिक ने स्वागत भाषण देते हुए इस संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कुरुक्षेत्र विवि के सांख्यिकी विभागाध्यक्ष प्रो एम एस काद्यान ने इंडियन एसोसिएशन फॉर रिलायबिलिटी एंड स्टैटिसटिक्स की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

आभार प्रदर्शन डॉ जितेन्द्र कुमार (कुवि) ने किया। मंच संचालन गणित विभाग की डॉ मोनिका सांगवान ने किया। संगोष्ठी के तकनीकी सत्रों में प्रतिष्ठित विद्वानों ने सांख्यिकी, डेटा साइंस तथा रिलायबिलिटी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।