कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर की संविधान की हत्याः पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर जागरूकता प्रदर्शनी शुरू।

कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर की संविधान की हत्याः पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर

रोहतक, गिरीश सैनी। देश में आपातकाल लगाने के 50 वर्ष पूरे होने पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा नागरिकों को जागरूक करने के लिए 10 दिवसीय प्रदर्शनी आयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर एवं उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से किया और उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

स्थानीय लघु सचिवालय स्थित ई-दिशा केंद्र में आयोजित इस प्रदर्शनी में 25 जून 1975 को आधी रात को लागू किए गए आपातकाल के दौरान की गतिविधियों को प्रदर्शित करने के अलावा सरकार की कल्याणकारी पहलों सहित संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को प्रदर्शित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के दौरान युवा कार्यकर्ता के रूप में आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का संविधान में कोई विश्वास नहीं है तथा कांग्रेस ने हमेशा जात-पात, प्रांतवाद व धर्म की राजनीति की है। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोपा और देश के संविधान की हत्या कर दी थी।

ग्रोवर ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत का धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ था तथा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने वोट की राजनीति के तहत वक्फ बोर्ड बनाया था। उन्होंने 8 हिन्दू बाहुल्य प्रदेशों को कमजोर करने का कार्य किया। आपातकाल के दौरान नागरिकों व प्रेस की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी रोक लगा दी गई थी। सरकार द्वारा वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के दौरान की गई संविधान की हत्या के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से शहरी व ग्रामीण स्तर पर 10 दिवसीय प्रदर्शनी आयोजित की गई है।

इस दौरान भाजपा के जिलाध्यक्ष रणबीर ढाका ने कहा कि कांग्रेस अभी भी नरेंद्र मोदी जैसे साधारण पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने के विचार को स्वीकार नहीं कर पा रही है। विपक्षी पार्टी ने अभी तक आपातकाल के लिए माफी नहीं मांगी है।

उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि 15 से 25 जुलाई तक आयोजित की जा रही इस 10 दिवसीय प्रदर्शनी में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की आपातकाल के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल जेल में लिखित जेल में कविता शीर्षक कविता को भी प्रदर्शित किया गया है। कारावास और अन्याय के दर्द को बयां करने वाली उनकी कविताओं का संग्रह कैदी कविराय की कुंडलियां के नाम से प्रकाशित हुआ है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर व पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा आपातकाल के बारे में दिए गए संदेशों को भी प्रदर्शित किया गया है।

उपायुक्त ने कहा कि इस प्रदर्शनी में सरकार द्वारा सुशासन के लिए की गई नई पहलों, संविधान व कानूनी अधिकारों की समझ को लोकप्रिय बनाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता व जवाबदेही के लिए गए निर्णय को भी दर्शाया गया है। यह प्रदर्शनी महम उपमंडल स्थित ई-दिशा केंद्र में भी आयोजित की गई है। इस 10 दिवसीय प्रदर्शनी में देश में प्राचीन काल से लोकतंत्र की जड़े विकसित होने से लेकर लोकतांत्रिक परंपराओं के मूल में बसे जन केंद्रित दृष्टिकोण व जनभागीदारी के अलावा श्रेणी संघ में लोकतंत्र के महत्व व प्रतिनिधित्व के दिशा निर्देश देते हुए उथीरा मेरुर के शिलालेख भी प्रदर्शित किए गए है।