समाज को समावेशी बनाकर मूक-बधिरजन को मुख्यधारा में लाना होगाः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

समाज को समावेशी बनाकर मूक-बधिरजन को मुख्यधारा में लाना होगाः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। समाज को समावेशी बनाकर मूक-बधिरजन को मुख्यधारा में लाना होगा। इस वर्ग के साथ प्रभावी संचार के लिए सांकेतिक भाषा को सीखने, समझने तथा प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज द्वारा आयोजित सांकेतिक भाषा प्रोत्साहन रैली को हरी झंडी दिखाते हुए ये बात कही।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज के विद्यार्थियों को संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक-सांस्कृतिक-खेल गतिविधियों में भाग लेकर अपने व्यक्तित्व का समग्र विकास सुनिश्चित करें।

निदेशक सीडीएस प्रो. राधेश्याम ने सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज के तत्वावधान में पिछले पंद्रह दिनों में आयोजित विविध गतिविधियों की जानकारी दी। सीडीएस के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय यज्ञशाला के सामने से यह जागरूकता रैली प्रारंभ कर जय जवान, जय किसान चौक से होते हुए विश्वविद्यालय परिसर में घूमते हुए, डीडीई भवन पर रैली संपन्न की। सांकेतिक भाषा के महत्त्व पर पोस्टर लिए विद्यार्थी रैली में प्रभावी संदेश दे रहे थे।

सीडीएस उप निदेशक डा. प्रतिमा रंगा, डॉ. कपिल मल्होत्रा, विधि विभाग के प्राध्यापक डा. योगेन्द्र सिंह, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, पीआरओ पंकज नैन समेत विवि कर्मी इस अवसर पर मौजूद रहे।