भू-आकृतिक और पर्यावरणीय परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए मिलकर कार्य करें शिक्षाविद, नीति-निर्माता व शोधकर्ताः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
36वां भारतीय भू आकृति विज्ञान संस्थान राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ।

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के भूगोल विभाग के तत्वावधान में शनिवार को- भू आकृति विज्ञान, पर्यावरण और समाज विषयक तीन दिवसीय 36वां भारतीय भू आकृति विज्ञान संस्थान (आई.जी.आई.) राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ हुआ।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बतौर मुख्यातिथि दीप प्रज्ज्वलित कर इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने प्रभावी संबोधन में कहा कि भू-आकृतिक और पर्यावरणीय परिवर्तनों से ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, समुद्र स्तर में वृद्धि, भू-आकृतिक बदलाव और जैव विविधता की हानि और प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते प्रभाव के रूप में अनेकों चुनौतियां सामने आ रही हैं।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि भू-आकृतिक और पर्यावरणीय परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों के स्थायी समाधान तलाशने के लिए शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इस दिशा में यह सम्मेलन अहम होगा। उन्होंने समाज को भी इन चुनौतियों बारे जागरूक करने की बात कही, जिससे स्थानीय समुदाय और नागरिक अपनी भूमिका को समझते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे। कुलपति ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन की स्मारिका तथा आईजीआई की पत्रिका का विमोचन भी इस अवसर पर किया।
नार्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के प्रो. सुनील कुमार डे ने अध्यक्षीय भाषण में समकालीन समाज में सामने आ रही पर्यावरणीय चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने में भू-आकृति विज्ञान अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया। आईजीआई के सचिव प्रो. ए.आर. सिद्दीकी ने वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करने में शैक्षणिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. महताब सिंह ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। सम्मेलन की कंवीनर प्रो. बीनू सांगवान ने कांफ्रेंस की थीम पर प्रकाश डाला। आयोजन सचिव प्रो. प्रमोद भारद्वाज ने आभार जताया। इस दौरान भूगोल विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी, शिक्षाविद, प्रतिभागी मौजूद रहे। इस सम्मेलन में नई दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश सहित देश भर से लगभग 175 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।