दोआबा कॉलेज में वातावरण जागरूकता में एनसीसी के रोल पर वेबिनार आयोजित

दोआबा कॉलेज में वातावरण जागरूकता में एनसीसी के रोल पर वेबिनार आयोजित
 दोआबा कॉलेज में आयोजित वेबिनार में कर्नल अशोक मोर उपस्थिति को संबोधित करते हुए।

जालन्धर: दोआबा कॉलेज में यूजीसी के दिशा निद्रेशों के तहत कॉलेज के एनसीसी विभाग व पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एवं मॉस कम्युनीकेशन द्वारा वातावरण जागरूकता में एनसीसी के रोल पर वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें कर्नल अशोक मोर, आईआईटी कानपुर बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन ऑफिशिएटिंग प्रिं. प्रो. कंवलजीत सिंह, लैफ्टिनेंट एएनओ प्रो. राहुल भारद्ववाज, डा. सिमरन सिद्धू-विभागध्यक्षा व 60 पार्टिसिपेंटस ने किया। प्रो. कंवलजीत सिंह ने मुख्यवक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि हम सभी को प्लासटिकस का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए व इसके खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

कर्नल अशोक मोर ने कहा कि विद्यार्थी जनमानस को जागरूक करने के लएि महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। विद्यार्थियों को पलासटिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह बॉयोडिग्रिडेबल नहीं होता इस लिए यह वातावरण को बहुत नुकसान पहुँचाता है। उन्होंने कहा कि हमें बड़ी असानी से घर में वेस्ट एवं पुराने कपड़े मिल जाते हैं जिनसे हम मार्किट में शॉपिंग करने के लिए बढिय़ा से बढिय़ा बैग बना सकते हैं। उन्होंने जूट बैग इस्तेमाल करने का आहवान किया। कर्नल अशोक मोर ने विद्यार्थियों को एनसीसी के करियर के ऑपशन के रूप में अपनाए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नौजवान एनसीसी के माध्यम से भारतीय सेना कोस्टगार्ड व पुलिस फोर्स में सेवांए देकर देश की सेवा कर सकते हैं।

इस मौके पर  `से नो टू प्लासटिकसज्' पर अंग्रेजी, हिन्दी व पंजाबी भाषा में ऑनलाइन लेख लेखन कम्पीटीशन का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों से 40 लेख ऑनलाइन प्राप्त हुए। इसमें भाग ले रहे विद्यार्थियों को इंटरोडक्शन, क्रिएटीविटी, ओरिजनिएलिटी, थॉट डिवैल्पमेंट व ग्रॉमर आदि पर मूल्यांकन करते हुए अंग्रेजी में कल्पना ने प्रथम, गुलशन ने दूसरा व पल्वी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। हिन्दी में असीम ने प्रथम, नीलम व शिल्पा ने दूसरा व शमा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पंजाबी में राजीव ने प्रथम, सिमरन ने दूसरा व आरती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। निर्णायक मंडल की भूमिका प्रो. संदीप चाहल, डा. मुनीश कुमार व डा. सतिंदर कौर ने बखुबी निभाई। मॉर्डरेटर की भूमिका डा. सिमरन सिद्धू-विभागध्यक्षा ने निभाई और प्रो. प्रिया चोपड़ा ने सभी का धन्यवाद किया।