भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की चुनौती से निपटने में टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभाएगीः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की चुनौती से निपटने में टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभाएगीः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग द्वारा वीरवार को स्वराज सदन में- एमर्जिंग सिक्योरिटी चैलेंज फॉर इंडिया विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है, जिससे निपटने में टेक्नोलोजी अहम भूमिका निभाएगी।

बतौर मुख्य वक्ता बरकतुल्लाह और भोज यूनिवर्सिटी भोपाल के पूर्व कुलपति डॉ. आईएस चौहान तथा ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, सोनीपत के प्रो. पंकज झा व गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, हिसार के पूर्व प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने बतौर वक्ता इस कार्यशाला में शिरकत की। वक्ताओं ने विभिन्न आयामों के साथ भारत की सुरक्षा चुनौतियों के विकास के परिप्रेक्ष्य के बारे में बात की। उन्होंने कैसे आज की शिक्षा प्रणाली में औपनिवेशिक सोच और साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, खुफिया और पुलिस की भूमिका अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की भूमिका जैसे कारकों के बारे में बात की।

कार्यशाला के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रो. कंवर चौहान ने स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। डॉ. प्रमिला ने मंच संचालन किया। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने आभार जताया। डॉ. प्रताप सिंह ने इस संगोष्ठी का समापन किया। कार्यशाला में प्रो. राजीव कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. विकास कुमार, डॉ. संजीव कादयान, डॉ. परमजीत, डॉ. वंदना, राकेश दहिया सहित विद्वान, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।