शोध का उपयोग समाज और राष्ट्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों तथा समस्याओं का हल निकालने के लिए होः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रिसर्च मैथडोलॉजी विषयक सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ।

शोध का उपयोग समाज और राष्ट्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों तथा समस्याओं का हल निकालने के लिए होः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। शोध का उपयोग जल, पर्यावरण, स्वास्थ्य, रोजगार समेत अन्य समाज और राष्ट्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों तथा समस्याओं का हल निकालने के लिए हो। शोधार्थी नवोन्मेषी एवं गुणवत्तापरक शोध कार्य करें और अपनी पढ़ने व समझने की क्षमता को विकसित करें। यह प्रेरणादायी उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने सोमवार को फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के तत्वावधान में आयोजित - रिसर्च मैथडोलॉजी विषयक सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने पीएचडी पाठ्यक्रम की महत्ता से अवगत कराते हुए नव प्रवेश प्राप्त शोधार्थियों को पीएचडी के तीन-चार साल कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। कुलपति ने शोध विषय, शोध पद्धति, शोध लेखन, रिव्यू ऑफ लिटरेचर समेत शोध से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखते हुए शोधार्थियों को उत्कृष्ट शोध कार्य करने के लिए भी प्रेरणा दी। उन्होंने शोधार्थियों से अपने संचार कौशल में अभिवृद्धि करने की बात कही। कुलपति ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट को बधाई दी और प्रतिभागी शोधार्थियों को शुभकामनाएं दी।

बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर, डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए. एस. मान ने कहा कि केवल डिग्री या जॉब के लिए शोध कार्य न हो, बल्कि इसका उपयोग समाज के कल्याण के लिए भी हो। उन्होंने शोध में रिसर्च एथिक्स को महत्वपूर्ण बताया।  चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने शोध कार्यशाला की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में शोधार्थियों की हैंड्स ऑन ट्रेनिंग पर फोकस रहेगा। उन्होंने चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की विकास यात्रा और कार्यप्रणाली बारे भी जानकारी दी।

कार्यशाला के कंवीनर फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज के डीन प्रो. सेवा सिंह दहिया ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। इस कार्यशाला के कॉर्डिनेटर इकोनॉमिक्स विभागाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्य एवं रूपरेखा बारे बताया। कार्यशाला कॉर्डिनेटर लाइब्रेरी साइंस विभागाध्यक्ष डा. संजीव कादियान ने आभार जताया।

इस दौरान डीन, आर एंड डी प्रो. अरुण नंदा, कुलपति के सलाहकार प्रो. ए. के. राजन, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, विभिन्न संकायों के डीन, फैकल्टी ऑफ सोशल साइंसेज के विभागों सहित अन्य विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक और शोधार्थी मौजूद रहे। स्वराज सदन में 19 अप्रैल तक चलने वाली इस शोध कार्यशाला में लगभग 40 शोधार्थी भाग ले रहे हैं।